Move to Jagran APP

Batala Blast: घायलों से मिले कैप्टन, कहा- दो साल पहले हुए हादसे की भी होगी फिर जांच

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह शुक्रवार को अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट में मारे गए लोगों केे परिजनों व घायलों से मिलने बटाला पहुंचे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 01:42 PM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 08:24 AM (IST)
Batala Blast: घायलों से मिले  कैप्टन, कहा- दो साल पहले हुए हादसे की भी होगी फिर जांच
Batala Blast: घायलों से मिले कैप्टन, कहा- दो साल पहले हुए हादसे की भी होगी फिर जांच

जेएनएन, बटाला [गुरदासपुर]। अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए ब्लास्ट के दो दिन बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंंदर सिंह बटाला पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सिविल सर्जन और सीनियर मेडिकल अफसर को निर्देश दिए कि घायलों के उपचार में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्रियों और अधिकारियों से कहा कि वे पल-पल की गतिविधि पर नजर रखें और उन्हें अवगत करवाएं।

loksabha election banner

मुख्यमंत्री ने कहा कि दो साल पहले भी इसी फैक्टरी में हुए हादसे की जांच के आदेश डीसी को दे दिए हैं। उस वक्त क्या हुआ था, क्यों कार्रवाई नहीं हुई और कौन जिम्मेदार था इसकी जांच होगी। किसी सूरत में दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा और अरुणा चौधरी भी मौजूद थे।

घटनास्थल पर नहीं गए मुख्यमंत्री

हादसे के दो दिन बाद बटाला पहुंचे मुख्यमंत्री घटनास्थल पर नहीं गए। उन्होंने सिविल अस्पताल में घायलों का हाल पूछा और आधे घंटे में वापस हो गए। पीडि़त लोगों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री उनसे मिलेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

हादसे में 23 लोगों की हुई थी मौत

पाकिस्‍तान सीमा के पास स्थित बटाला शहर में बुधवार को पटाखा फैक्टरी में भीषण विस्‍फोट हुआ था। इससे अब तक 23 लोगों की मौत हो गई है और 26 लोग घायल हो गए। धमाके की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फैक्टरी के पास खड़ी कार 300 मीटर दूर जाकर हंसली पुल में जा गिरी। कार सवार दो युवकों की जलकर मौत हो गई। धमाके के बाद पास में स्थित विशाल मेगामार्ट सहित कुछ मकानों को भारी क्षति पहुंची है। जबकि करीब 200 मीटर क्षेत्र में घरों के शीशे टूट गए।

घटना के तत्काल बाद मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने घटना की मजिस्‍ट्रेट जांच के आदेश दिए थे। इसके साथ ही पंजाब सरकार ने घटना के शिकार लोगों के लिए सहायता राशि की भी घोषणा की है। मुख्‍यमंत्री ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया। उन्‍होंने कहा कि गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। मामूली रूप से जख्‍मी लोगों काे 25 हजार रुपये की मदद दी जाएगी।

डीसी ने माना गलती हुई, दोषी का लगा रहे हैैं पता

अवैध पटाखा फैक्टरी में विस्फोट के मामले में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। 2017 में भी पटाखा फैक्टरी में विस्फोट से आग लग गई थी। एक की मौत जबकि तीन लोग घायल हो गए थे। मामले में जांच कमेटी गठित की गई थी। इस हादसे के बाद भी फैक्टरी रिहायशी क्षेत्र में चलती रही। यह प्रशासन पर बड़ा सवाल है। वीरवार को डीसी विपुल उज्ज्वल को घटनास्थल के स्थान पर लोगों ने घेर लिया तथा प्रशासन की लापरवाही पर रोष जताया।

डीसी ने स्वीकारा कि पटाखा फैक्टरी ब्लॉस्ट में गलती जरूर हुई है। किस की गलती रही है, इसके बारे वह पता लगा रहे हैं। किसी सूरत में जिम्मेदार को बख्शा नहीं जाएगा। डीसी को खुद भी नहीं पता पता की जांच की फाइल कहां है। उन्होंने कहा कि पता कर मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को आदेश जारी कर कहा कि जल्द से जल्द फैक्टरी मालिक के खिलाफ आई शिकायत की फाइल ढूंढी जाएं। लोगों ने कहा कि वर्ष 2017 में फैक्टरी मालिक के खिलाफ कार्रवाई होती तो हादसा टल सकता था।

वर्ष 2017 में आग के बाद मजिस्ट्रेट जांच के साथ ही पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने भी जांच के आदेश जारी किए थे। जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई, लेकिन बताया जाता है कि सियासी दबाव के कारण कमेटी की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। रिपोर्ट में क्या था, यह भी पता नहीं चला। हालांकि डीसी ने कहा कि उनके कार्य में राजनीति दखलअंदाजी नहीं होती है।

2017 में हादसे के बाद फैक्टरी मालिक के खिलाफ थाना सिविल लाइन में मामला दर्ज हुआ था। उस समय घायल तथा मृतकों के परिजनों के आपसी समझौता होने के बाद पर्चा खारिज कर दिया गया था। हालांकि इस हादसे के बाद डीसी ने कहा है कि वे दोबारा इस फाइल को खुलवाएंगे। पता लगाया जाएगा कि क्या किसी ने इस फाइल को तो नहीं दबा लिया। अगर जांच में कोई खामियां थी तो किसके कहने पर कार्रवाई को रोक दिया गया? राहत कार्य पूरा होने के बाद वह इसकी जांच करेंगे।

प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने कहा, रिपोर्ट की जानकारी नहीं

इस संबंध में पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) के मेंबर करनेश कुमार ने कहा कि वर्ष 2017 की रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वह इस संबंध में विभाग के एक्सईएन से बात करेंगे। उनके ध्यान में ऐसा कोई मामला नहीं था। अगर फिर भी फाइल या फिर दस्तावेज मिल जाता है तो जानकारी प्रदान कर दी जाएगी।

फाइल ढूढ रहे हैं : एसएसपी

एसएसपी बटाला ने बताया कि वर्ष 2017 में मामला दर्ज हुआ था। उस वक्त की फाइल को ढूंढने के लिए एक जांच अधिकारी की ड्यूटी लगा दी गई है। थाना सिविल लाइन में मामला दर्ज हुआ ता। उस दौरान एक मजदूर की मौत, जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उस केस में मजिस्ट्रेट जांच तथा पीपीसीबी को जांच के आदेश किए गए थे।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.