अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बैंक दे रहे धड़ाधड़ लोन
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से जहां देश भर में अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है।
जागरण टीम, गुरदासपुर, बटाला : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से जहां देश भर में अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है वहीं आम लोगों का कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। गुरदासपुर जिले में अधिकतर बैंक प्रबंधकों के पास ऐसे लोगों के लोन के आवेदन आ रहे हैं जो हर कारोबार से संबंधित हैं। इसमें व्यापारी, कारोबारी, दुकानदार, दिहाड़ीदार, नौकरी पेशा और मिडल क्लास फैमिली से संबंधित है। गुरदासपुर के भारतीय स्टेट बैंक में ऐसे ही लोगों की लंबी चौड़ी लिस्ट भी है। जबकि जिले भर की बात करें तो अधिकतर बैंक प्रबंधकों के पास पिछले साल के मुकाबले इस साल लोगों ने लोन लेने के लिए कम आवेदन दिए हैं। उद्योगपति व स्कूल प्रबंधन ले रहे लोन
लॉकडाउन के दौरान हर व्यक्ति की हालत बिगड़ी है। चाहे व्यक्ति उद्योगपति हो या फिर बड़ा व्यापारी हर व्यक्ति को अपना कारोबार पटरी पर लाने के लिए बैंक का सहारा लेना पड़ रहा है। स्कूल प्रबंधकों को सरकारी डंडे के चलते अपने अध्यापकों को पूरा वेतन देना पड़ रहा है। जबकि स्कूल में दाखिला न होने के कारण 95 प्रतिशत स्कूल प्रबंधन बैंकों पर निर्भर है। वहीं 40 फीसदी मिडल क्लास से संबंधित लोग घरों के निर्माण वह जमीन लेने को लेकर बैंकों के पास अपने आवेदन दर्ज करवा रहे हैं। लॉकडाउन से अधिकतर लोगों की देनदारी लंबित
भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त सुशील शर्मा मैनेजर दिल्ली का कहना है कि दो महीने में लोगों का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन की वजह से अधिकतर लोगों की ओर से देनदारी लंबित थी। जिन्हें पूरा करने के लिए लोगों को बैंक का सहारा लेना पड़ रहा है। पिछले साल 40 करोड़ के लोन पास किए
तहसील बटाला के विभिन्न बैंकों में पिछले साल चालीस करोड़ के लोन पास किए गए। इस बार दो माह कोविड-19 पर विभिन्न बैंक 19 करोड़ के लोन पास कर चुके हैं। पिछले साल शिक्षा के क्षेत्र में 10 करोड़ के लोन पास हुए, जबकि चालू वित्त वर्ष में अब तक दो करोड़ के लोन ही पास हो पाए हैं। पिछले साल कृषि के क्षेत्र में विभिन्न बैंकों ने किसानों के लिए बीस करोड़ के लोन पास किया, जबकि इस बार लोन की प्रक्रिया प्रोसेस है। विभिन्न बैंक के मैनेंजर सरकार की हिदायतों का इंतजार कर रहे है। फिलहाल सरकार योजनाओं की घोषणा तो जरूर कर दी, मगर इन्हें लागू करने के लिए बैकों के पास अभी तक कोई पत्र नहीं पहुंचा। पिछले साल के मुकाबले इस बार हर क्षेत्र में लोन कम लोन पास किया गया।