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रोजाना 2.40 लाख लीटर दूध का उत्पादन, पशु पालकों के लिए कई सरकारी स्कीमें वरदान

आज दुनिया भर में दुग्ध दिवस मनाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 06:05 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 06:05 PM (IST)
रोजाना 2.40 लाख लीटर दूध का उत्पादन, पशु पालकों के लिए कई सरकारी स्कीमें वरदान
रोजाना 2.40 लाख लीटर दूध का उत्पादन, पशु पालकों के लिए कई सरकारी स्कीमें वरदान

महिदर सिंह अर्लीभन्न, कलानौर

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आज दुनिया भर में दुग्ध दिवस मनाया जा रहा है। जिले में सरकारी व निजी मिलाकर करीब दो लाख 40 हजार लीटर दूध का रोजाना उत्पादन हो रहा है। जिले की आबादी 12 लाख है। इस हिसाब से प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 200 मिलीलीटर है। दूध उत्पादन को प्रफुल्लित करने के लिए सरकारों की ओर से कई स्कीमें शुरू की गई हैं, जिससे दूध का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है।

मिल्क प्लांट गुरदासपुर के जीएम एसके बनर्जी ने बताया कि जिले के अंतर्गत आते मिल्क प्लांट की 562 सोसायटियों में कुछ दिन पहले एक लाख 40 हजार लीटर ही दूध खरीदा जाता था। अब गर्मी के कारण गाय-भैंसों का दूध घटने से करीब एक लाख लीटर दूध रोजाना खरीदा जा रहा है। जीएम ने बताया कि डेयरी धंधे को प्रफुल्लित करने के लिए केंद्र और पंजाब सरकार की समय-समय पर स्कीमें पशु पालकों को मुहैया की जाती हैं। इनमें शेड बनाने के लिए सब्सिडी, बढि़या नस्ल का सीमन, फीड व बीएमसी प्राप्त डेयरी पालकों को सुविधा मुहैया करवाई जाती है। जिले में रोजाना 36 हजार लीटर पैकेटों वाले दूध की खपत है। करीब छह हजार लीटर दूध, दही, लस्सी की खपत होती है। बाकी दूध का सूखा पाउडर तैयार करके आंगनबाड़ी विभाग व सेना को सप्लाई किया जाता है। उन्होंने बताया कि ब्लॉक कलानौर के अंतर्गत आते गांव हकीमपुर के चिलिग सेंटर के मालिक अवतार सिंह व भाई के पिड के चिलिग सेंटर दूध की बिक्री में अग्रिम हैं। साल में एक करोड़ का दूध बेचते हैं हरप्रीत

डेयरी मालिक हरप्रीत सिंह रोजाना 1200 लीटर गायों का दूध बेचकर दिनों दिन मालोमाल हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे बीए पास हैं। उन्होंने विदेश जाने की बजाए अपने गांव में ही साल 2010 में दस गाएं खरीद कर दूध डेयरी का कारोबार शुरू किया था। इस समय उसके पास 60 दुधारू गाएं, 35 गर्भवती गाएं, 35 बछड़ियों समेत 130 गाएं हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास पांच ऐसी गाएं हैं, जो रोजाना 50 से 40 लीटर दूध देती हैं। इन गायों को दस किलो हाथ से तैयार की फीड खिलाई जाती है। अधिक गाएं होने के चलते यह धंधा लाभदायक है। भीषण गर्मी के कारण गायों का दूध सूखता जा रहा है। इसके बावजूद भी वे 1200 लीटर दूध मिल्क प्लांट को बेच रहे हैं। वे साल में करीब एक करोड़ रुपये का दूध बेचते हैं।


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