डेडलाइन खत्म, 5.60 करोड़ से बनने वाली अमृतसर-बटाला रोड का निर्माण अधूरा
श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव को लेकर पंजाब सरकार ने पीडब्ल्यूडी को बटाला शहर में सात किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 5.60 करोड़ रुपये का फंड जारी किया था।
विनय कोछड़, बटाला
श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव को लेकर पंजाब सरकार ने पीडब्ल्यूडी को बटाला शहर में सात किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 5.60 करोड़ रुपये का फंड जारी किया था। इस प्रोजेक्ट की सरकार ने श्री गुरु नानक देव के प्रकाशोत्सव से पहले पूरा करने की डेडलाइन रखी थी, लेकिन अभी तक यह अधूरा है। यही नहीं चार किलोमीटर तक बनाई गई सड़क समतल नहीं है।
स्थानीय लोग रमेश बाबू, बलवंत सिंह, मंजू बाला ने आरोप लगाया कि विभाग के ठेकेदार ने सड़क निर्माण में घटिया क्वालिटी का मैटेरियल इस्तेमाल किया है और सड़क गारंटी समय से पहले टूट जाएगी। बता दें कि पीडब्ल्यूडी के अधीन जितनी सड़कें हैं। उन सबका खस्ता हाल है। इतना नहीं अमृतसर-बटाला रोड पर एक जगह जहां काम चल रहा है उसकी सड़क को तोड़कर वहां पर रोड़ी डाल दी गई। आलम यह है कि उससे उठने वाली मिट्टी लोगों की आंख में जा रही है। उससे लोग आंखों की बीमारी संबंधी ग्रस्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पहले टूटी सड़क के कारण प्रतिदिन छोटे-बड़े हादसे होते थे। अब आंख की बीमारी के मरीज बढ़ गए। आंखों में जलन, सूजन, लालपन महसूस करते हैं, जिनका इलाज बटाला के विभिन्न अस्पताल में चल रहा है। लोगों ने आरोप लगाया कि जिस ठेकेदार को पीडब्ल्यूडी ने ठेका दिया है उसने सरकारी बाबूओं को रिश्वत देकर ठेका लिया। तभी प्रोजेक्ट पर बड़े धीमी रफ्तार से काम चल रहा है। लोगों में गुस्सा
स्थानीय लोगों ने कहा कि काम काफी धीमी रफ्तार से चल रहा है। उनमें विभाग के प्रति काफी गुस्सा पाया गया। लोग काफी परेशान हैं। उनके मुताबिक वे कई बार विभाग के एसडीओ तथा ठेकेदार को शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन किसी ने उनकी शिकायत पर गौर नहीं किया। टेंडर पर घिरा विभाग
जानकारों ने विभाग पर सवाल करते कहा कि टेंडर बहुत महंगा है। उनका तर्क था कि जानबूझकर विभाग के कुछ अधिकारियों ने चंडीगढ़ विभाग के पास अधिक रेट भेजे। उन्होंने सरकार और जनता को गुमराह किया। पता चला है कि विभाग में एक अधिकारी के चहेते को ठेका दिया गया। तीन किमी सड़क का काम छोड़ा
ठेकेदार को सात किलोमीटर नई सड़क निर्माण का ठेका दिया गया है। लेकिन उसने चार किलोमीटर बनाकर उसमें शेष हिस्सा छोड़ दिया। इससे साबित होता है कि विभाग और ठेकेदार ने मिलकर सरकार को मोटे तौर पर चूना लगाया। --कोट्स
उनका विभाग बिल्कुल ठीक काम कर रहा है। जल्द काम समाप्त कर लिया जाएगा। ठेकेदार ने मैटीरियल ठीक डाला है। उसका विभाग निरीक्षण कर चुका है।
-गुरदेव सिंह, जेई।