दो करोड़ की सरकारी जमीन पर दुकानें बनाकर बेचने का आरोप
सरकारी विभागों के अधिकारियों से मिलीभगत कर लोग बड़ी आसानी से सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा जाते हैं और किसी को भनक तक नहीं लगती।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : सरकारी विभागों के अधिकारियों से मिलीभगत कर लोग बड़ी आसानी से सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा जाते हैं और किसी को भनक तक नहीं लगती। कुछ ऐसा ही मामला शहर में उस समय सामने आया, जब मार्केट कमेटी गुरदासपुर के पूर्व चेयरमैन योगेश भंडारी द्वारा डाली गई आरटीए में पता चला कि हरदोछन्नी रोड पर 99 फीट चौड़ी सड़क पर 33 फीट कब्जा करके एक व्यक्ति अवैध रूप से दुकानें बनाकर बेच रहा है। मामला मीडिया में आने के बाद डीसी मोहम्मद इशफाक ने इसकी जांच एडीसी जनरल को सौंपी है।
योगेश भंडारी ने बताया कि वे सुखदा इंक्लेव हरदोछन्नी रोड पर रहते हैं। उनके द्वारा डाली गई आरटीआइ में यह खुलासा हुआ है कि हरदोछन्नी रोड की चौड़ाई 99 फीट थी। जबकि मौजूदा समय यह चौड़ाई 66 फीट की बची है, जिसके सभी सरकारी डॉक्यूमेंट्स उनके पास मौजूद हैं। उन्होंने दावा किया है कि अगर इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए तो 42 दुकानें बनाने वाले लोगों द्वारा सरकारी विभागों के साथ मिलीभगत करके किए गए करोड़ों रुपये के घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है। भंडारी ने बताया कि उन्होंने आरटीआइ के माध्यम से नगर कौंसिल से अवैध रूप से बनाई गई दुकानों का नक्शा मांगा था, लेकिन उन्होंने देने से मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने राज्य सूचना आयोग के पास आरटीआइ डालकर उक्त दुकानों की ड्राइंग की कापी मांगी। उन्हें जो ड्राइंग की कापी प्राप्त हुई वह चार मई 2017 तक नगर कौंसिल की ओर से पास नहीं की गई थी। नक्शा मंजूर होने से पहले ही संबंधित लोगों द्वारा दुकानों की रजिस्ट्रियां कर दी गई। उन्होंने बताया कि कुछ दुकानों की रजिस्ट्री भी उनके पास मौजूद है। नक्शे में हरदोछन्नी रोड की चौड़ाई 88 फीसद बताई गई थी जबकि मौजूदा समय रोड की चौड़ाई 66 फीट है और विभाग के पास फील्ड बुक भी मौजूद नहीं है। 34 मरले बन रही है कब्जे वाली जमीन
भंडारी ने बताया कि जब उन्होंने आरटीआइ के माध्यम से एसडीएम से फील्ड बुक संबंधी पूछा तो उन्हें जवाब मिला कि विभाग के पास फील्ड बुक तो मौजूद है। लेकिन जिस रिकार्ड की मांग की जा रही है, वे रिकार्ड फील्ड बुक में मौजूद नहीं है। इसके बाद उन्होंने दोबारा एसडीएम से आरटीआइ के माध्यम से हरदोछन्नी रोड संबंधी लट्ठा हद बस्त की मांग की। जब उन्हें उक्त कापी प्राप्त हुई तो उसमें रोड की चौड़ाई 99 फीट थी। भंडारी ने बताया कि यह सब देखकर वे हैरान रह गए, क्योंकि मौजूदा समय सड़क 99 की बजाए केवल 66 फीट है और बाकी सड़क पर अवैध कब्जा करके दुकानें बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि उक्त जगह मरलों के हिसाब से 34 मरले बनती है, जिसकी बाजारी कीमत करीब दो करोड़ रुपये है। छीछरे में 66 फीट है सड़क : कौशल
दुकानों का निर्माण करवाने वाले एएन कौशल का दावा है कि उनके पास जो छीछरे (सरकारी कागजात) की कापी मौजूद है, उसमें रोड की चौड़ाई 66 फीट है। अभी भी सड़क की चौड़ाई इतनी ही है। उन्होंने उन पर लगाए जा रहे अन्य आरोपों को भी पूरी तरह से गलत बताया। कोट्स
मामला उनके ध्यान में आ चुका है। एडीसी जनरल तेजिदरपाल सिंह संधू को इसकी जांच सौंपी गई है।
--मोहम्मद इशफाक, डीसी।