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पंजाब तंदुरुस्त, दीनानगर बीमार

तंदुरुस्त मिशन पंजाब के तहत जहां पंजाब भर में दूषित खाद्य पदार्थ विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वहीं दीनानगर में चेकिग व सैंपलिग के लिए अभी तक स्वास्थ्य अधिकारियों की चाल लड़खड़ाई पड़ी है। बता दें कि अभी तक क्षेत्र में तंदुरुस्त मिशन पंजाब के तहत एक बार भी कार्रवाई नहीं हुई जिसके चलते जहां जिला स्वास्थ्य अधिकारी की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 06:56 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 06:56 PM (IST)
पंजाब तंदुरुस्त, दीनानगर बीमार
पंजाब तंदुरुस्त, दीनानगर बीमार

संवाद सहयोगी, दीनानगर : तंदुरुस्त मिशन पंजाब के तहत जहां पंजाब भर में दूषित खाद्य पदार्थ विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वहीं दीनानगर में चेकिग व सैंपलिग के लिए अभी तक स्वास्थ्य अधिकारियों की चाल लड़खड़ाई पड़ी है। बता दें कि अभी तक क्षेत्र में तंदुरुस्त मिशन पंजाब के तहत एक बार भी कार्रवाई नहीं हुई जिसके चलते जहां जिला स्वास्थ्य अधिकारी की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं। वहीं दीनानगर में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। बता दें कि अधिकतर दुकानें सड़क के किनारे होने के चलते और मौसम में धूल के कणों युक्त होने के कारण खुले में खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे हैं। जिसके चलते लोग कई भयानक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं ऐसे में तंदुरुस्त मिशन पंजाब के तहत जिला स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से कोई भी उचित कार्रवाई दीनानगर में नहीं देखने को मिली है। हालांकि पूछने पर स्वास्थ्य अधिकारी एक ही रटा रटाया जवाब दे रहे हैं कि जल्द ही कार्रवाई करेंगे, परंतु यह दावा मात्र लफ्जों तक ही सीमित रह जाता है। वास्तविकता में अभी भी लोग दूषित खाद्य पदार्थो का सेवन करने पर विवश है।

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पांच माह से नहीं हुई पड़ताल

विगत पांच माह में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दीनानगर में एक भी खाद्य पदार्थ की चेकिग अथवा सैंपलिग नहीं की गई है। यही कारण है कि दीनानगर के अधिकतर लोग बीमारियों के शिकार होते नजर आ रहे हैं जबकि स्वास्थ्य विभाग लोगों के स्वास्थ्य को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करता दिखाई दे रहा है।

विभागीय उदासीनता से मिलावटी गिरोह सक्रिय

विभागीय उदासीनता के चलते मिलावटी गिरोह सक्रिय हो चुका है, जिसके चलते दूध एवं दूध से तैयार होने वाले अन्य पदार्थ धड़ल्ले से मिलावटी रुप से तैयार किए जा रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि अधिकारियों को सबकुछ पता होने के बावजूद भी दीनानगर में आखिर क्यों सैंपलिग नहीं की जा रही है? इससे स्पष्ट है कि मिलावटखोरी का धंधा विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत का ही नतीजा है।

छोटे दुकानदारों के हौसले हो चुके हैं बुलंद

विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्रवाई ना किए जाने के चलते इन दिनों छोटे दुकानदार भी मिलावटी चीजें बेचकर खूब मुनाफा कमा रहे हैं। यही कारण है कि मिलावटखोरी के धंधे दीनानगर में खूब प्रफुल्लित हो रहे हैं। बता दें कि खाद्य पदार्थो में मिलावट कर इन्हें स्वादिष्ट व पका जरूर दिया जाता है। लेकिन यह वस्तुएं मानव शरीर के लिए बेहद हानिकारक है जिसके चलते कैंसर जैसी भयानक बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है।

दफ्तर में आकर बात करें : डीएचओ

इस संदर्भ में जब डीएचओ गुरदासपुर अमनदीप से दीनानगर में पिछले लंबे समय से सैंपलिग न किए जाने के बारे में पूछा तो जबाब देने के बजाय उन्होंने बड़ी लापरवाही के साथ कहा कि फोन करके दफ्तर में आएं और वहां पर बात करेंगे।


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