इंडस्ट्रियल एरिया के उद्योगपतियों में जगी उम्मीद की किरण
1971 में बने इंडस्ट्रियल एरिया में उद्योग चला रहे उद्योगपतियों में उम्मीद की किरण जागी है।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : 1971 में बने इंडस्ट्रियल एरिया में उद्योग चला रहे उद्योगपतियों में उम्मीद की किरण जागी है। उन्हें आशा है कि 1971 से उपेक्षा का शिकार रहा इंडस्ट्रियल एरिया में जल्द मूलभूत सुविधाएं मिल सकेंगी। आशा की यह किरण उन्हें डीसी मोहम्मद इशफाक की ओर से इंडस्ट्रियल एरिया में की गई मीटिग में जगी। यहां डीसी ने सभी संबंधित अधिकारियों को भी बुलाया था।
इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर ने अफसरों को सख्त निर्देश देते हुए तत्काल काम करने के लिए कहा और इसके लिए अधिकारियों को समयबद्ध भी किया। उद्योगपति हरजिदर सिंह धंजल और परमिदर सिंह धंजल का कहना था कि डिप्टी कमिश्नर को बताया गया कि इंडस्ट्रियल फीडर को शहरी फीडर के साथ जोड़ा गया है। उन्हें निर्विघ्न बिजली सप्लाई मिलेगी तभी वह काम कर पाएंगे। यहां स्ट्रीट लाइटों का कोई प्रंबंध नहीं है, सीवरेज प्रणाली ठप पड़ी है और सड़कों की हालत बेहद खस्ता है। इस पर डीसी ने अधिकारियों को तुरंत 15 दिन के अंदर अंदर सारी समस्याओं को हल करने के निर्देश दिए। वहीं उन्होंने पीएसपीएल को भी निरंतर बिजली सप्लाई देने के लिए कहते हुए हिदायतें दी।
रमेश महाजन ने बताया कि उनकी ओर से सीवरेज, पानी की निकासी, कूड़े के डंपर आदि की समस्याएं डिप्टी कमिश्नर को बताई गई। उन्होंने तुरंत संबधित अधिकारियों को निर्देश दिए। 100 करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य
डीसी ने बताया कि उनका लक्ष्य गुरदासपुर में कम से कम 100 करोड़ रुपये का निवेश करवाना है। जिले में चार बड़े प्रोजेक्टों को शुरू करने के प्रयास किए जा रहे है और 20 करोड़ रुपये के निवेश वाले चार प्रोजेक्टों का प्रपोजल जिला प्रशासन के पास पहुंच चुकी है। उन्होंने उद्योगपतियों से अपील की कि वे समय की मांग के अनुसार अपने उघोगों का विस्तार करें। इसके लिए पंजाब सरकार उनकी हर तरह से सहायता करेगी। उन्होंने नए स्वयं का उद्योग स्थापित करने वालों को भी आमंत्रित किया। डीसी ने बताया कि वह 15 दिन के बाद स्वयं जाकर दोबारा चेक करेंगे।