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जिले में 4120 फर्जी पेंशनर, पांच साल में सरकार को लगाया 11.67 करोड़ का चूना

जिले में बुढ़ापा पेंशन वितरण में बड़े पैमाने पर घोटाला सामने आ गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 09:51 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 06:12 AM (IST)
जिले में 4120 फर्जी पेंशनर, पांच साल में सरकार को लगाया 11.67 करोड़ का चूना
जिले में 4120 फर्जी पेंशनर, पांच साल में सरकार को लगाया 11.67 करोड़ का चूना

राजिदर कुमार, गुरदासपुर

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जिले में बुढ़ापा पेंशन वितरण में बड़े पैमाने पर घोटाला सामने आ गया है। सरकार द्वारा लाभार्थियों की कराई गई जांच में 1.96 लाख पेंशनर्स में से 4120 फर्जी पाए गए हैं। इन्होंने सरकार को 2015 से लेकर अब तक 11 करोड़ 67 लाख 37 हजार 900 रुपये का चूना लगाया है। अब प्रशासन द्वारा जिले के फर्जी पेंशनरों से उक्त राशि वसूली जाएगी। रिकवरी का लेटर गत मंगलवार को राज्य के विशेष सचिव सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा जिले के डीसी व जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी को जारी कर दिया है। वहीं विभाग के जिला अधिकारी राजिदर सिंह ने फाइल बनाकर डीसी मोहम्मद इशफाक को सौंप दी है।

अब डीसी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बैठक कर रिकवरी करने के लिए टीमें गठित करेंगे। बता दें कि फर्जी पेंशनरों का भंडाफोड़ के लिए राज्य सरकार द्वारा दो साल से जांच करवाई जा रही थी। जिले में 2012 के बाद पेंशनर्स एकदम से काफी बढ़ गए। जिन लोगों की आयु पेंशन योग्य नहीं थी, उनकी भी उम्र बढ़ाकर पेंशन लगवाई गई। यही कारण है कि जिले में बुढ़ापा पेंशन लेने वाले लोगों की संख्या दो लाख तक पहुंच गई। यह संख्या जिले में 2012 के बाद ही बढ़ी है, वे भी एकदम से। 2012 से पहले पेंशनर एक लाख तक थे। लेकिन 2012 के बाद लगातार पेंशनरों की संख्या बढ़ती चली गई। वहीं अभी और सर्वे होने की उम्मीद है। बड़ी रकम ऐंठने के बाद सरकार की खुली आंख

पंजाब में अकाली-भाजपा सरकार के दौरान बुढ़ापा पेंशन वितरण में भेदभाव और अयोग्य लोगों को लाभ पहुंचाने की कई शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए राज्य की कैप्टन अमरिदर सिंह सरकार ने सभी पेंशनधारकों की जांच के आदेश दिए थे। हालांकि सरकार ने इस दौरान नए पात्र पेंशनधारकों को अपने नाम सूचीबद्ध कराने का मौका भी दिया और जांच में अयोग्य पाए जा रहे लोगों को पेंशनधारकों की सूची से बाहर भी किया जाता रहा। अब जांच का काम पूरा होने के बाद सरकार ने पाया कि अयोग्य लाभार्थियों ने एक बड़ी रकम ऐंठ ली है, जिसे वापस लेना जरूरी है। राज्य में बुढ़ापा पेंशनधारकों की जिलेवार जांच की गई, जिसमें जिला गुरदासपुर के 4120 पेंशनर फर्जी पाए गए। फर्जी पेंशनरों के खाते होंगे सील

जिले में जो लोग बुढ़ापा पेंशन के फर्जी पाए गए हैं, उनकी जिस खाते में पेंशन आती है, वे अब सील होंगे। जिले में 2100 लोग कम आयु के पाए गए हैं। जबकि शेष में कइयों की इंकम ज्यादा है या फिर उनके नाम पर जमीन अधिक है। ऐसे लोगों का सर्वे करके इनका सरकार ने पर्दाफाश करवाया है। वहीं सरकार की ओर से जिले के डीसी को आदेश दिए गए हैं कि जांच के दौरान अयोग्य पाए गए लाभार्थियों से पैसा वसूलने के लिए जिले में जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई जाए और जो लाभार्थी कम उम्र के कारण अयोग्य पाए गए हैं। उनके आयु के दस्तावेज चेक करके कमेटी रिकवरी का फैसला ले। जिन लाभार्थियों ने आवेदन के समय अपनी असल आमदनी छुपाई है, उनसे भी रिकवरी की जाए। इसके अलावा जमीन के मालिक और लाभार्थी बने लोगों से भी पूरी रिकवरी की जाए।

रिकवरी कर पाना चुनौती

कोरोना के काले दौर में सभी लोगों की आर्थिक हालत पतली है। ऐसे में जिले में 4120 फर्जी पेंशनरों से 11 करोड़ 75 लाख 37 हजार 900 रुपये की रिकवरी कर पाना जिला प्रशासन के लिए एक चुनौती है। उधर, अब 2022 में विधानसभा के चुनाव भी आ रहे हैं। ऐसे में इसे राजनीतिक रूप से देखा जाए तो जिले के विधायकों व मंत्रियों के लिए रिकवरी का काम चुनौती बनकर सामने आया है। यदि किसी फर्जी पेंशनर से पैसों की रिकवरी की गई तो सीधे रूप से इसका असर चुनाव के समय कांग्रेस पार्टी पर पड़ेगा, क्योंकि जब टीम रिकवरी के पैसे लेने पेंशनर्स के पास पहुंचेगी तो वे गांव के सरपंच या शहरी क्षेत्र है तो पार्षद के पास तो जरूर जाएगी। इन हालात में जिले से इतनी बड़ी राशि की रिकवरी कर पाना आसान दिखाई नहीं दे रहा।

डीसी को सौंपी फाइल : जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी

जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी राजिदर सिंह का कहना है कि उनको मंगलवार को विभाग के सचिव द्वारा पत्र जारी कर रिकवरी करने के निर्देश जारी किए गए थे। उनकी ओर से फर्जी पेंशनरों के बायोडाटा की फाइल बनाकर डीसी को सौंप दी गई है। अब वे एक टीम का गठन कर रिकवरी करने की कवायद शुरू करेंगे। रिकवरी के लिए जल्द गठित होगी टीम : डीसी

डीसी मोहम्मद इशफाक का कहना है कि सचिव द्वारा भेजा गया पत्र मिलने के बाद उनकी ओर से बुधवार को संबंधित विभाग के अधिकारियों व कर्माचारियों के बैठक की गई है। वे जल्द ही रिकवरी के लिए टीम गठित करने जा रहे हैं। राशि बड़ी है, इसलिए रिकवरी के लिए थोड़ा टाइम लग सकता है। यदि कोई फर्जी पेंशनर रिकवरी के पैसे नहीं देगा तो सरकार के आदेशों पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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