नशे के लिए जानकार ने ही की थी चोरी, जमीन में दबाया 26 तोला सोना बरामद
पिछले दिनों एक बुजुर्ग महिला सुरेंद्र कौर निवासी हरचोवाल के घर से 26 तोला सोना और 45 हजार रुपये चुराने वाले दो आरोपितों को थाना हरगोबिदपुर की पुलिस चौकी हरचोवाल ने गिरफ्तार कर लिया।
जागरण संवाददाता, हरचोवाल : पिछले दिनों एक बुजुर्ग महिला सुरेंद्र कौर निवासी हरचोवाल के घर से 26 तोला सोना और 45 हजार रुपये चुराने वाले दो आरोपितों को थाना हरगोबिदपुर की पुलिस चौकी हरचोवाल ने गिरफ्तार कर लिया। वारदात को अंजाम देने वाले महिला के पुराने जानकार निकले। इनकी पहचान चमकौर सिंह उर्फ सोनू (30) और हरप्रीत सिंह उर्फ राजू निवासी हरचोवाल के तौर पर हुई। पुलिस ने चमकौर की निशानदेही पर उसके घर की जमीन में दबाए चोरी का 26 तोला सोना बरामद कर लिया, जबकि 45 हजार दोनों आरोपितों ने बराबर हिस्से में बांटकर खर्च कर लिए।
प्राथमिक जांच में पुलिस के समक्ष आरोपितों ने कबूला कि नशे की लत के कारण वे चोरी करने को मजबूर हुए। गौरतलब है कि एक अगस्त को महिला घर से अपने परिवार सहित बाहर से ताले जड़कर नगर कीर्तन अटैंड करने के लिए बटाला गई थी। अगले दिन घर वापस लौटी तो भीतर देखा कि अलमारी से सामान बिखरा पड़ा था। अलमारी में रखा 26 तोला सोना और 45 हजार रुपये गायब थे। सूचना मिलने पर चौकी हरचोवाल पुलिस पहुंची थी। महिला के बयानों पर पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्जकर लिया था। पुलिस ने उस दौरान कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला था। उसके बाद पुलिस ने महिला से उनके जानकारों की लिस्ट मांगी। पुलिस ने उनके फोन नंबर के आधार पर डिटेल चेक करवाई। उसमें पाया गया कि महिला का जानकार चमकौर सिंह की हरप्रीत सिंह के साथ कई बार बातचीत हुई।
पुलिस ने चमकौर को हिरासत में लिया तो उसने कबूला कि नशे की लत के कारण चोरी को अंजाम दिया। सीसीटीवी की डीवीआर साथ ले गए थे। उसे हरचोवाल की नहर में फेंक दिया था। इसमें उसका साथ हरप्रीत सिंह राजू ने दिया। फिलहाल पुलिस ने चोरी का सोना बरामद कर लिया है, जबकि 45 हजार दोनों बांटकर खर्च कर चुके हैं। पुलिस ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है। अदालत में पेश किया गया। वहां से दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। सोना बेचने गए, लेकिन नहीं बिका
थाना श्री हरगोबिदपुर के एसएचओ बलकार सिंह ने बताया कि पूछताछ में आरोपितों ने कबूला कि वे सोना बेचने कादियां के सुनार के पास गए, लेकिन वहां पर उनसे पहचान पत्र मांगा गया। इस कारण उन्होंने सोना नहीं बेचा। चोरी के पैसों से नशा खरीदा और लोगों का उधार वापस किया। सोना को घर की खाली जमीन में दबा दिया था।