जहां लगे धक्केशाही के आरोप, वहीं जीती कांग्रेस
अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के गढ़ फिरोजपुर में निकाय चुनावों में कांग्रेस पर धक्केशाही के आरोप लगने के बावजूद कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है। फिरोजपुर शहरी में भाजपा के बागी पार्षदों ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेस का हाथ उठाने में अहम रोल अदा किया है।
तरूण जैन, फिरोजपुर : अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के गढ़ फिरोजपुर में निकाय चुनावों में कांग्रेस पर धक्केशाही के आरोप लगने के बावजूद कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है। फिरोजपुर शहरी में भाजपा के बागी पार्षदों ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेस का हाथ उठाने में अहम रोल अदा किया है।
फिरोजपुर, गुरुहरसहाय व जीरा में जहां सभी वार्डो में कांग्रेस विजयी रही है तो वहीं तलवंडी में कांग्रेस को 10 व मुदकी में पांच सीटें मिली है। पूरे जिले में जहां भाजपा एक भी सीट पर जीतने में विफल रही तो वहीं आम आदमी पार्टी ने तलवंडी के एक वार्ड में जीत हासिल की है। फिरोजपुर मे जहां कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना के भतीजे आकिब अख्तर ने कौंसिल का चुनाव जीता है तो वहीं मुदकी में वार्ड नंबर 6 में अकाली दल के सेवक सिंह ने मात्र एक वोट के अंतर से कांग्रेस के उजागर सिंह को मात्त दी है।
चुनावों में जिन क्षेत्रो में भाजपा, अकाली दल व आम आदमी पार्टी द्वारा सबसे ज्यादा धक्केशाही के आरोप लगाए थे, वहां पर कांग्रेस ने सभी सीटों पर जीत हासिल की है। गुरुहरसहाय में जहां कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने विकास के नाम पर 15 सीटें जीतने का दावा किया है तो वहीं फिरोजपुर शहरी में विधायक परमिंद्र सिंह पिकी ने सर्वपक्षीय विकास को ही 33 सीटें जीतने का राज बताया है। इससे पहले जीरा में विधायक कुलबीर सिंह जीरा के नेतृत्व में 17 वार्डो में बिना किसी विरोध के उम्मीदवार विजेता घोषित किए जा चुके हैं।
फिरोजपुर में नही चला सुखबीर का जादू
2019 के संसदीय चुनावों में 1.98 लाख की लीड से जीते अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा अकाली दल की जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाने के बावजूद उनका जादू नही चल पाया। बेशक उन चुनावों में हरेक गांव व वार्ड में कांग्रेसी को करारा झटका लगा था, लेकिन इस बार लोगों ने कांग्रेस पर विश्वास जताया है। सुखबीर बादल ने अपना गढ़ बचाने के लिए चार बार फिरोजपुर के वार्डो में जाकर रैलिया की गई, लेकिन अकाली उम्मीदवार सुखबीर की लाज रखने में नाकाम रहे। इतना ही नहीं 2022 में विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री जनमेजा सिंह सेखो भी इन चुनावों में अहम रोल नही निभा पाए। अकाली दल शहरी के पूर्व प्रधान नवनीत कुमार गोरा व उनकी पत्नी चरणजीत शर्मा वार्ड नंबर 22 व 23 में भारी वोटो के मार्जन से हार गए।
परिणाम के बाद नेताओ की सुनो
विकास को मिले वोट : पिंकी
विधायक परमिंद्र सिंह पिकी ने कहा कि फिरोजपुर में 33 वाडरें में कांग्रेस का विजय हासिल करना इतिहास लिखने के बराबर है। लोगो ने विकास करवाने वालो को वोट देकर विरोधियों को पूरी तरह से नकार दिया है। कांग्रेस ने किया हर वर्ग का विकास : गुरमीत सिंह
कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए विकास को बढ़ावा दिया है। यही कारण है कि गुरुहरसहाय के लोगो ने कांग्रेस के प्रत्याशियो पर विश्वास जताया है। लोग अकाली, भाजपा व आप को सत्ता में नही लाना चाहते।