बाइक सहित नहर में गिरे दो युवक, मौत
जीरा शहर से गुजरती नहर में बुधवार रात बाइक सहित गिरे दो युवकों की डूबने से मौत हो गई।
संवाद सूत्र, जीरा (फिरोजपुर) : जीरा शहर से गुजरती नहर में बुधवार रात बाइक सहित गिरे दो युवकों की डूबने से मौत हो गई। दोनों युवक देर रात अपने तीसरे दोस्त घर छोड़कर वापस आ रहे थे कि अचानक संतुलन बिगड़ने से दोनों बुलेट मोटरसाइकिल सहित नहर में गिर गए, जिनके शव वीरवार सुबह नहर से निकाले गए हैं।
मृतक नवदीप सिंह उर्फ दीपू (31) निवासी जीरा तथा लवप्रीत सिंह उर्फ लवली (22) निवासी गांव कच्चा मंसूरदेवा दोस्त थे। बुधवार रात वह अपने दोस्त को गांव छोड़कर बुलेट मोटरसाइकिल पर वापस जीरा आ रहे थे कि संहेर रोड पर गुजरती नहर में उनका मोटरसाइकिल गिर गया। हादसे के दौरान दोनों युवकों के सिर पर चोट लग गई । रात की वजह से हादसे का किसी को पता न चला और दोनों युवकों की मौत हो गई। हादसे का पारिवारिक सदस्यों को सुबह तब पता चला जब उनका मोटरसाइकल नहर से बरामद हुआ। परिवारिक सदस्य दोनों की सारी रात तलाश करते रहे। सुबह हादसे की जानकारी मिली तो पारिवारिक सदस्य शवों को घर ले गए।
रातभर नहर में पड़े रहे शव
रात को हादसा कितने बजे हुआ किसी को जानकारी नहीं। रास्ता सुनसान होने कारण देर रात को कम ही वाहन वहां से गुजरते है। पारिवारिक सदस्यों ने मृतकों का पोस्टमार्टम नहीं करवाया। जिससे हादसे की सही जानकारी भी नहीं मिली। वहीं हादसे के बाद रातभर युवक नहर में पड़े रहे, सुबह नहर में मोटरसाइकिल मिलने पर हादसे का पता चला। विदेश जाना चाहता था दीपू, मौत से टूटे परिवार के सपने
अश्वनी गौड़, जीरा (फिरोजपुर) : बुलेट मोटरसाइकिल नहर में गिरने ने 31 वर्षीय नवदीप दीपू की मौत से जीरा में मातम का माहौल है। दीपू दो बहनों का इकलौता भाई था। 31 वर्ष का हो जाने के बाद भी दीपू ने शादी नहीं की। बहनों की शादी कर वो विदेश जाना चाहता था। दोस्तों में खास पहचान रखने वाले दीपू की मौत पर हर कोई दुखी है। दीपू के पिता जगदीश सिंह पैट्रोल पंप पर नौकरी करते है और दीपू खुद एसी मैकेनिक था। घर को खुशहाल करने के लिए वो विदेश जाना चाहता था। दीपू के दोस्त दमन शर्मा और मास्टर संदीप ने कहा दीपू एक खुशदिल इंसान था।
(बॉक्स) चार दिन पहले घर में हुई थी शादी, अब छाया मातम
लवली अभी पढ़ाई कर रहा था। चार दिन पहले उसके बड़े भाई की शादी हुई थी। घर में अभी शादी का जश्न चल रहा था कि हादसे में जान जाने के बाद सारी खुशियां सीमिट कर रह गई।