अकाली वर्कर की हत्या करने वाले तीन और गिरफ्तार
गांव चक्क पंजेके में 14 अप्रैल को जमीन के विवाद में शिरोमणि अकाली दल के वर्कर महेंद्र सिंह का कत्ल करने वाले तीन आरोपितों को पुलिस ने रविवार को हथियारों सहित गिरफ्तार कर लिया है जबकि दो आरोपितों को पुलिस पहले ही काबू कर चुकी है वहीं महेंद्र के शव का अंतिम संस्कार रविवार को गांव के शमशानघाट में कर किया गया।
संवाद सूत्र, गुरुहरसहाय (फिरोजपुर) : गांव चक्क पंजेके में 14 अप्रैल को जमीन के विवाद में शिरोमणि अकाली दल के वर्कर महेंद्र सिंह का कत्ल करने वाले तीन आरोपितों को पुलिस ने रविवार को हथियारों सहित गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो आरोपितों को पुलिस पहले ही काबू कर चुकी है, वहीं महेंद्र के शव का अंतिम संस्कार रविवार को गांव के शमशानघाट में कर किया गया।
एसएसपी भगीरथ सिंह मीना ने बताया कि महेंद्र सिंह की हत्या के संबंध में पुलिस ने नौ आरोपितों गुरदेव सिंह, सुखविदर सिंह, जसविदर सिंह, सतनाम सिंह गुरविदर सिह, परमजीत सिंह, बुध प्रकाश, मनजीत सिंह व बगीचा सिंह पर मामला दर्ज किया था , जिनकी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें बनाकर छापेमारी की गई और पुलिस दो आरोपितों को पहले ही काबू कर चुकी है, जबकि तीन आरोपितों सुखविदर, जसविदर और गुरदेव सिंह को पुलिस ने रविवार को गांव खाईफेमेकी के ईट भट्ठे से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपितों से .12 बोर की दोनाली बंदूक, नौ कारतूस, .12 बोर की रिवाल्वर, 26 कारतूस और दो मोटरसाइकिल बरामद किए हैं। पुलिस की ओर से परमजीत सिंह व बगीचा सिंह बाप-बेटे को 15 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। बेटे गुरचरण ने शव को दी मुखाग्नि
महेंद्र सिंह के शव का रविवार को वरदेव सिंह मान की व शिरोमणि अकाली दल की पूरी टीम की अगुवाई में अंतिम संस्कार किया गया, जिसे मुखाग्नि महेन्द्र के बेटे गुरचरण ने दी। इस दौरान अकाली नेता वरदेव सिंह मान ने कहा कि सियासी शह पर गुरुहरसहाय में भी जंगल राज बना हुआ है । महेंद्र सिंह की मां ने कहा कि पुलिस की घटिया कार्यशैली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एसपी ने दिया पांच दिन में सभी आरोपित गिरफ्तार करने का आश्वासन
पीड़ित परिवार व अकाली दल की ओर से शनिवार को थाना गुरुहरसहाय के बाहर लगाए गए धरने में पहुंचे एसपी आपरेशन गुरमीत सिंह चीमा ने सहायक थानेदार जसपाल चंद को सस्पेंड कर थाना प्रभारी की डिपार्टमेंटल इंक्वायरी खोलने के साथ धरना समाप्त करने के लिए कहा था व विश्वास दिया गया था कि सभी आरोपितों को पांच दिनों के भीतर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।