चार साल में रोपे पांच हजार पौधे, तीन हजार बनाए पेड़
पर्यावरण संरक्षण करना ही जीवन का संकल्प व ध्येय है।
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : पर्यावरण संरक्षण करना ही जीवन का संकल्प व ध्येय है। खुद तो इसमें तन, मन व धन से लगे ही हैं, साथ में परिवार भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। घटते पेड़-पौधों की संख्या को देखते हुए पत्नी की सलाह पर पौधों की नर्सरी लगाई और उन्हें लोगों को नि:शुल्क बांटना शुरू किया। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयासरत विजय विक्टर, जो कि पेशे से सरकारी अध्यापक भी हैं।
विक्टर ने बताया कि उन्होंने अब तक फिरोजपुर शहर में पांच हजार से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं, जिनमें से साढ़े तीन हजार के करीब तैयार भी हो चुके हैं। वह पिछले 14 साल से पेड़ लोगों को उपहार में दे रहे हैं, ताकि लोग उन्हें रोपित कर तैयार करें, क्योंकि यह अकेले का काम नहीं है, बल्कि इसमें सभी लोगों की सहभागिता मिलने पर ही इसे गति दी जा सकती है। पहले वह यह कार्य अकेले करते थे, शादी के बाद उनकी पत्नी एगनश व दो बच्चे भी इस कार्य में उनका सहयोग दे रहे हैं।
इंडस्ट्रियल एरिया में काटे जा रहे पेड़ों के साथ लिपटकर उन्हें बचाया
विक्टर ने बताया कि वह अक्सर ही अपने स्कूल में बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते रहते हैं। उनकी पूरी कोशिश होती है कि बिना परमिशन के पेड़-पौधों की कटाई न हो पाए। इसके लिए कई बार उनकी अधिकारियों व दंबग लोगों के साथ ही भी झगड़ा हो चुका है। इंडस्ट्रियल एरिया में जब पेड़ों की कटाई हो रही थी तो वह उसे रोक व समझा पाने में जब असर्मथ हो गए तो वह पेड़ों के साथ ही चिपक कर खड़े हो गए, जिसके बाद उन सभी पेड़ों की कटाई बंद हो गई और आज भी वह सभी पेड़ सुरक्षित हैं। वह लोगों को जल-सरंक्षण के प्रति भी जागरूक कर रहे हैं।
पेड़ बचाने के लिए लिखी कविताएं, वीडियो गाने भी बना रहे विजय
विजय ने बताया कि हाउसिग बोर्ड से सटी रेलवे लाइन के किनारे भी उन्होंने बड़ी संख्या में पेड़ चार साल पहले लगाए थे, जो कि अब बड़े होकर छाया देना शुरु कर दिए थे। लेकिन पता नहीं किसने रातों रात लगभग 35 पेड़ों को काट दिया, उन्हें बेहद दु:ख हुआ क्योंकि इन पेड़ों की परवरिश व सिचाई करने के लिए वह अपने पूरे परिवार के साथ गर्मी में भी जाते रहे हैं। ऐसे में यह स्थित उन्हें बेहद दु:ख पहुंचाने वाली रही। उन्होंने लोगों से अपील की वह केवल फोटो खिचवाने के लिए पेड़-पौधे न लगाएं, बल्कि उसकी परवरिश भी करें। ऐसा करके ही हम सभी बिगड़ते पर्यावरण को बचा सकते है। विजय ने बताया कि उन्होंने लोगों को जागरूक करने के लिए कविता लिखने के साथ ही वीडियो गाने भी बनाए है।