पंजाब के इस SSP ने ही पुलिस पर उठाया सवाल, कह दी इतनी बड़ी बात, 11 कर्मियों पर गिरी गाज
फिराेजपुर के एसएसपी ने पंजाब में नशे के कारोबार पर बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा कि राज्य में नशा तस्करों व कई पुलिसकर्मियों की मिलीभगत है। इसलिए नशे का नेटवर्क तोड़ना कठिन है।
फिरोजपुर, [प्रदीप कुमार सिंह]। फिराेजपुर के एसएसपी संदीप सिंह ने कहा है कि पंजाब में नशे के कारोबारियों से पुलिस कर्मचारियों की मिलीभगत है। इस कारण नशे के नेटवर्क को ताेड़ना मुश्किल हो गया है। उन्होंने पुलिस कार्यक्रम में पुलिसकर्मियों ने कहा कि समाज के बारे में कुछ सोचो। नशा से समाज बर्बाद हो रहा है और इसका असर आपके परिवार पर भी पड़ेगा। उन्होंने पुलिसकर्मियों को जमकर लताड़ा और आईना दिखाया। इसके बादपुलिस विभाग में खलबली मच गई है। एसएसपी का यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। दूसरी ओर, पटियाला में नशे के मामले में संलिप्त रहने के आरोप में 11 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है।
कहा- पुलिाकर्मियों की नशे के कारोबारियों से है पूरी मिलीभगत, नेटवर्क तोड़ना हो रहा मुश्किल
बता दें कि पंजाब में नशे का बुरा हाल है। एसटीएफ के गठन के बावजूद राज्य में नशे के कारोबार पर अंकुश लगाना मुश्किल हो रहा है। शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी नशा सप्लाई का नेटवर्क नहीं टूट पा रहा है। पुलिस नशे की सप्लाई लाइन तोड़ने के लिए एक तस्कर पकड़ती है तो दूसरा कमान संभाल लेता है।
गांव से लेकर शहर तक का शायद ही कोई हिस्सा नशे के प्रकोप से बचा हो। नशे से कई परिवारों की हालत इतनी ज्यादा खस्ताहाल हो गई है कि इससे बाहर निकल पाने में मुश्किल हो रही है। नशे के सौदागरों के नेटवर्क के आगे पुलिस का नेटवर्क नाकाफी दिखाई दे रहा है। गली-मोहल्ले तक नशे के सौदागारों ने अपना नेटवर्क खड़ा किया हुआ है, जो नशे की लत में डूबे लोगों को नशे की आपूर्ति बेखौफ कर रहे हैं। नशे की भयावह स्थित का अंदाजा दो मामलों से लगाया जा सकता है, जिसमें एक मामला फिरोजपुर शहर से जुड़ा है।
इसका खुलासा पिछले दिनों उस समय हुआ जब घर के दामाद की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई। सिविल अस्पताल में शव के पास उसकी मां व सास एक-दूसरे पर नशा बेचने का आरोप लगाते हुए झगड़ रही थीं। बाद में पता चला कि दोनों परिवार के सभी सदस्य नशा बेचने के साथ ही खुद भी नशे के आदी हैं। यह उन दो परिवारों में दो साल के अंदर तीसरी मौत थी। मारे गए युवक के भाई की भी तीन साल पहले नशे की ओवरडोज से मौत हो गई थी। इसके बावजूद दोनों परिवारों ने नशे का कारोबार नहीं छोड़ा।
दूसरी घटना ममदोट ब्लॉक के अंतर्गत पड़ते सरहदी गांव की है। इस गांव के अधिकतर युवा मे नशे की गर्त में डूबे हैं। नशे की आपूर्ति के लिए नशे का कारोबार करते हैं। इस गांव में पिछले चार साल में छह से अधिक युवाओं की नशे की ओवरडोज से मौत हो चुकी है। जिले के ममदोट व घलखुर्द थाना क्षेत्रों में मेडिकल नशे का ज्यादा प्रकोप है। यहां आए दिन पुलिस नशे के सौदागरों को मेडिकल नशे के साथ पकड़ी है।
नशे के नेटवर्क तोड़ने और लोगों को जागरूक करने के लिए एसएसपी संदीप गोयल ने कार्यक्रम चला रहे हैं। वह कई सेमिनारों के दौरान नशे के खात्मे के लिए लोगों के जागरूक करने के साथ ही पुलिसकर्मियाें पर भी निशाना साथ नशे के खिलाफ लडाई के लिए तैयार करने की मुहिम में लगे हैं। इसी तरह के एक कार्यक्रम का उनका वीडियो खूब वायरल हो रहा है।
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इसमें वह पुलिसवालों पर बरसे नजर आ रहे हैं। वीडियो में वह कह रहे हैं, नशाखोरी रोकने के लिए किसी को भी बख्शेंगे नहीं। पुलिस अधिकारी या कर्मी अवैध नशे के कारोबार में संलिप्त पाया जाता है तो उस पर भी केस दर्ज कर सलाखों के पीछे डालेंगे। बता दें कि 5 से 7 जून तक जिले के विभिन्न हिस्सों में एसटीएफ चीफ व एडीजीपी गुरप्रीत कौर दियो के कार्यक्रमों में लोगों नशे के कारोबार को लेकर पुलिस को कठघरे में खड़ा किया।
इसके बाद फिरोजपुर के एसएसपी संदीप गोयल ने एक सेमिनार में बिना किसी लाग-लपेट के पुलिसकर्मियों को लताड़ा और आईना दिखाया। उनका सोशल मीडिया पर लगातार ट्रेंड हो रहा है। इस वीडियो में वह कहते दिख रहे हैं, पुलिस वालों को जनता ने आईना दिखाया है। यह सच है कि नशे के कारोबारियाें के साथ पुलिसवालों की पूरी सम्हुलियत (मिलीभगत) है। पंजाब में पुलिसकर्मियों को जितनी तनख्वाह मिलती है उतनी शायद देश के किसी राज्य में नहीं मिलती है। पुलिस के सिपाही की तनख्वाह 70 हजार है और फिर भी वह नशे को संरक्षण देता है। उसका खामियाजा उसके बच्चे भी भुगतेंगे।
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उन्होंने कहा कि इसके अलावा अन्य सुविधाएं अलग से मिलती है। फिर भी पैसे के लिए नशे को बढ़ावा देते हैं और ऐसा काम करते हुए शर्म नहीं आती। समाज के बारे में सोचो और उसकी आवाज सुनाे। हराम की कमाई कभी नहीं फलती। स्वर्ग और नरक यहीं है। इसलिए ऐसा काम करने से डरो।
वीडियो में वह लोगों का अभार भी जताते हुए दिख रहे हैं कि उन्होंने पुलिस को शीशा दिखाया है। उन्होंने कहा, यह जनता का कर्तव्य है। वीडियो में अब तक जिन खामियों को पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा छिपाने की कोशिश की जाती रही है, वह उनकी परत दर परत वह खोलते हुए दिखाई दे रहे हैं। एसएसपी के इस रुख की क्षेत्र में लोग सराहना कर रहे हैं।
भ्रष्टाचार व नशे के मामलों में शामिल पटियाला के 11 पुलिसकर्मी बर्खास्त
पटियाला। दूसरी ओर, पटियाला में भ्रष्टाचार व नशे के खिलाफ शुरू की गई पंजाब सरकार की विशेष मुहिम के तहत पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। नशे व भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में संलिप्त पटियाला पुलिस के 11 मुलाजिमों की सेवाएं खत्म कर दी गईं हैं। बर्खास्त किए गए कर्मचारियों मेें पांच सहायक थानेदार, एक महिला थानेदार, तीन हेड कांस्टेबल व दो कांस्टेबल शामिल हैं। एसएसपी मंदीप ङ्क्षसह सिद्धू ने बताया कि विभिन्न मामलों में इन पुलिस मुलाजिमों की शमूलियत सामने आने के कारण इनको गिरफ्तार कर विभागीय जांच की गई। जांच में आरोप सिद्ध हो जाने के बाद उनकी सेवाएं खत्म कर दी गईं। सभी आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में केस चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को माफ नहीं किया जाएगा।
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पुलिसकर्मी आरोप
- शिवदेव सिंह (सहायक थानेदार) - पांच हजार रुपये रिश्वत।
-सिंह ((सहायक थानेदार लोकल रैंक)- दस हजार रुपये रिश्वत।
-टहल सिंह ((सहायक थानेदार लोकल रैंक)- 35 हजार रुपये रिश्वत।
-जगीर सिंह (सहायक थानेदार लोकल रैंक)- दस हजार रुपये रिश्वत।
-गुरमीत सिंह (सहायक थानेदार लोकल रैंक)- 14 हजार रुपये रिश्वत।
- सुखविंदर सिंह (हेड कांस्टेबल) 14 हजार रुपये रिश्वत।
- सुखविंदर कौर (महिला थानेदार लोकल रैंक)- दस हजार रुपये रिश्वत।
-बलजिंदर सिंह (हेड कांस्टेबल) 25 हजार रुपये रिश्वत।
- अमरजीत सिंह (हेड कांस्टेबल)- स्मैक और नशीली गोलियां रखने का आरोप
- नरिंदरपाल सिंह (कांस्टेबल) स्मैक और नशीली गोलियां रखने का आरोप
- गुरप्रताप सिंह (कांस्टेबल)- स्मैक और नशीली गोलियां रखने का आरोप
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दो बार पक्ष रखने का मौका दिया
एसएसपी मंदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि आरोपित पुलिस मुलाजिम सस्पेंड होने के बाद पुलिस लाइन में तैनात थे। एक माह में इन सभी को अपना पक्ष रखने के लिए दो बार मौका दिया गया। दोनों ही बार वे अपना पक्ष स्पष्ट नहीं कर सके।
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बढिय़ा काम करने वाले 81 मुलाजिमों को प्रमोशन, 50 को डिस्क अवॉर्ड
पुलिस ने जहां दागी कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। वहीं, 11 माह के कार्यकाल में अच्छा काम करने वाले 81 पुलिसकर्मियों को प्रमोट किया गया है। 50 अधिकारियों व कर्मचारियों को डीजीपी डिस्क अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। 1816 मुलाजिमों को कमेंडेशन सर्टिफिकेट दिए गए हैं। जटिल व सनसनीखेज मामले सुलझाने पर पटियाला पुलिस को डीजीपी की तरफ से 3.20 लाख रुपये का नकद इनाम भी प्राप्त हुआ है।
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