मजदूरों का पलायन, धान की रुपाई के लिए मजदूरों की कमी
कोरोना की महामारी दौरान लाकडाउन में किसानों ने धान की बिजाई की तैयारी शुरू कर दी है।
राज नरूला, अबोहर : लॉकडाउन के दौरान किसानों ने धान की बिजाई करने की तैयारी शुरू कर दी है। मजदूरों के घरों को लौट जाने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। लिहाजा अधिकतर किसानों ने मशीनों से बिजाई करने का मन बना लिया है और इसके लिए खेतों को तैयार किया जा रहा है। सीधी बिजाई करने के लिए किसानों ने मशीनें खरीदनी शुरू कर दी हैं।
गांव केराखेड़ा के किसान बोबी संघा ने बताया कि उन्होंने सीधी बिजाई करने का निर्णय लिया है। इसके लिए नई मशीन की बुकिग करवा दी है। संघा ने बताया कि सीधी बिजाई में घास ज्यादा होने की आशंका रहती है, अगर घास पर कंट्रोल कर लिया जाए तो सीधी बिजाई का धान भी कामयाब रहता है। धान की रुपाई का रेट हुआ दोगुना : राजकुमार
राजकुमार कंबोज ने बताया कि मजदूरों की कमी के चलते धान की रुपाई का रेट दोगुना हो गया है। उन्होंने बताया कि पहले मजदूर 3000 से 3500 रुपये प्रति एकड़ धान की रुपाई का लेते थे, जो इस बार 6500 से 7 हजार के करीब पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि मेनुअल बिजाई में धान में पानी भरा रहने से घास नहीं होता, जिससे मेनुअल बिजाई का प्रचलन अधिक था। लेकिन अब मजदूरों की कमी व रेट बढ़ जाने के कारण किसानों ने मशीनों से ही धान की रुपाई करने का निर्णय लिया है। कृषि विभाग किसानों के साथ खड़ा: एडीओ
कृषि विभाग के एडीओ विजय सिंह ने बताया कि अबोहर तहसील में पिछले वर्ष करीब 100 एकड़ में धान की बिजाई की गई थी, जो इस बार 5500 हेक्टेयर रकबे में रुपाई करने का लक्ष्य है। धान की सीधी बिजाई का काम शुरू कर दिया है। एडीओ ने बताया कि कृषि विभाग किसानों की सहायता के लिए उनके साथ खड़ा है और किसानों को धान की रुपाई करने में किसी किस्म की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।