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व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति होता है उसका चरित्र

दव्य ज्योति जागृति संस्थान ने पांच दिवसीय भगवान शिव कथा का आयोजन करवाया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 11:50 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 06:07 AM (IST)
व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति होता है उसका चरित्र
व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति होता है उसका चरित्र

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने पांच दिवसीय भगवान शिव कथा का आयोजन करवाया। प्रथम दिन के कथा प्रसंग में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या दिल्ली से पहुंची साध्वी सुश्री त्रिपदा भारती ने प्रवचन से संगत को निहाल किया।

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उन्होंने बताया व्यक्ति की पहचान उसके रंग-रूप से नहीं होती, धन-वैभव से नहीं होती, कपड़ों से नहीं होती और न ही होती है बड़ी-बड़ी कोठियों से व्यक्ति की सबसे बड़ी पहचान है उसका जीवन उसकी सबसे बड़ी संपदा है। उसका चरित्र उसका सबसे बड़ा परिचय है उसका व्यवहार, वह क्या सोचता है, क्या बोलता है और क्या करता है, इसके आधार पर उसके व्यक्तित्व को परखा जाता है।

उन्होंने कहा कि जो लोग अपने व्यवहार को अच्छा नहीं बनाते, मन को शांत नहीं रखते और वाणी में मधुरता नहीं घोलते, वे कितने ही सुंदर क्यों न हों, किसी का मन नहीं मोह सकते, सुंदर होना एक बात है और दिखने का प्रयत्न करना दूसरी बात है चरित्र मनुष्य की सर्वोपरि संपत्ति है। विचारकों का कहना है धन चला गया, कुछ नहीं गया। स्वास्थ्य चला गया, कुछ चला गया। किन्तु यदि चरित्र चला गया तो सब कुछ चला गया। गया हुआ धन वापस आ जाता है, नित्य प्रति संसार में लोग धनी से निर्धन और निर्धन से धनवान होते रहते हैं, धूप- छांव जैसी धन अथवा अधन की इस स्थिति का जरा भी महत्व नहीं हैं।

इसी प्रकार रोगों, व्यक्तियों और चिन्ताओं के प्रभाव से लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ता और तदनुकूल उपायों द्वारा बनता रहता है। नित्य प्रति अस्वस्थ के बाद लोगों को स्वस्थ होते देखे जा सकता है। किन्तु गया हुआ चरित्र दुबारा वापस नहीं मिलता। ऐसी बात नहीं कि गिरे हुए चरित्र के लोग अपना परिष्कार नहीं कर सकते। दुश्चरित्र व्यक्ति भी सदाचार, सदविचार और सत्संग द्वारा चरित्रवान बन सकता है। समाज जिसके ऊपर विश्वास नहीं करता, लोग जिसे सन्देह और शंका की ²ष्टि से देखते हों, चरित्रवान होने पर भी उसके चरित्र का कोई मूल्य, महत्तव नहीं है। इस मौके पर हरि कृष्ण (प्रधान दुर्गा मन्दिर), हरबंस सिंह (चेयरमैन ब्लाक समिति), अमन शर्मा, गुरदेव धवन (मण्डल प्रधान भाजपा), विनोद कपूर (प्रधान भजन मंडली नव दुर्गा मंदिर) ने दीप प्रज्वलित किया। आरती में सरपंच चंचल सिंह, पुरषोत्तम दुग्गल, बलदेव शर्मा, केसर पाल धवन, प्रदीप सोनी विशेष रूप से शामिल हुए।


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