सुभाष मानव ने समाज सेवा के लिए छोड़ दी सरकारी नौकरी
जैसा नाम वैसा ही काम मानव सेवा समिति कर रही है। समिति द्वारा मानवता की भलाई के लिए अनेक तरह के प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है।
राज नरूला, अबोहर : जैसा नाम वैसा ही काम मानव सेवा समिति कर रही है। समिति द्वारा मानवता की भलाई के लिए अनेक तरह के प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। समिति के प्रधान सुभाष मानव ने लोगों की सेवा के लिए खुद की सरकारी नौकरी छोड़ दी है। वह पंजाब पुलिस में कार्यरत थे व डीएसपी के रीडर थे।
सुभाष मानव ने बताया कि उन्होंने वालंटियरी रिटायरमेंट लेकर अब पूरा समय समाज सेवा कार्य को देने का निर्णय लिया है व इसके लिए बाकायदा सीतो रोड पर समिति का कार्यालय स्थापित किया है।
सुभाष मानव ने बताया कि एक दिन वह मोबाइल पर कुछ मंदबुद्धि लोगों की तस्वीरें अपने पिता के साथ सांझा कर रहा था, जिनके जीने का अंदाज समाजसेवी संस्थाओं ने बदल कर रख दिया था। उनके पिता जी ने कहा कि ऐसा काम आप भी कर सकते हो। बस उसी से प्रेरित होकर उन्होंने सबसे पहले मंदबुद्धि लोगों को संभालने व उसी हालत सुधारने व उनको घरों तक पहुंचाने का काम अपने दो तीन दोस्तों के साथ शुरू किया था, जो अब भी जारी है।
सुभाष मानव ने बताया कि शुरूआती दिनों में तो ऐसे लोगों के बाल काटने को कोई तैयार नहीं था लेकिन उनकी प्रेरणा से अब मलोट रोड पर एक नाई उनके बाल काटने को न केवल तैयार हुआ बल्कि अब वह ऐसे लोगों की कटिंग मुफ्त में करता है। उन्होंने अनेक मंदबुद्धि लोगों को उनके घरो तक पहुंचाया है।
रक्त करवाया जा सकता है उपलब्ध
सुभाष मानव ने बताया कि धीरे धीरे संस्था के साथ लोग जुड़े तो उन्होंने समाज सेवा का दायरा भी बढ़ा दिया। जहां संस्था द्वारा देश के किसी भी कोने में रक्त की जरूरत पड़ने रक्त उपलब्ध करवाने के सोर्स पैदा कर लिए हैं वहीं कई जरूरतमंद मरीजों का इलाज भी करवाया है। इसके अलावा समिति द्वारा एक मानवता की दीवार स्थापित की गई है जहां गर्मी व सर्दी के कपड़े जरूरतमंद को मुफ्त में दिए जाते हैं। इसके अलावा बच्चों को स्टेशनरी भी मुफ्त में उपलब्ध करवाई जा रही है। समिति द्वारा एक बुक बैंक की स्थापना की गई है जहां से जरूरतमंद बच्चे फ्री में किताबें ले सकते हैं।
कोरोना संकट में बांटा लोगों को राशन
कोरोना वायरस की संकट की स्थिति में समिति लोगों की बाजू पकड़ने में पीछे नहीं हटी। समिति द्वारा जहां जरूरतमंद लोगों को राशन घर घर पहुंचाया, वहीं लंगर भी कई दिन तक चलाया। सुभाष मानव ने कहा कि इन सभी कार्यों के लिए जहां समिति के मेंबर सहयोग करते हैं। उनकी प्रेरणा से समिति के मेंबर तीन नई संस्थाओं का गठन कर लोगों की सेवा करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि निस्वार्थ भाव से की गई सेवा से मन को जो खुशी व सकून मिलता है वह पैसों से नहीं खरीदा जा सकता।