Move to Jagran APP

पनबस और पीआरटीसी मुलाजिम 28 से करेंगे हड़ताल

पंजाब रोडवेज व पनबस कांट्रेक्ट वर्कर्ज यूनियन के नेतृत्व में पनबस और पीआरटीसी के कच्चे मुलाजिम 2

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 04:29 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 10:13 PM (IST)
पनबस और पीआरटीसी मुलाजिम 28 से करेंगे हड़ताल
पनबस और पीआरटीसी मुलाजिम 28 से करेंगे हड़ताल

संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : पंजाब रोडवेज व पनबस कांट्रेक्ट वर्कर्ज यूनियन के नेतृत्व में पनबस और पीआरटीसी के कच्चे मुलाजिम 28 जून से तीन दिवसीय हड़ताल करेंगे।

loksabha election banner

यूनियन के सूबा प्रधान रेशम सिंह गिल, नेता हरप्रीत सिंह ने ने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग में पिछले 15-20 साल से काम कर रहे ठेका मुलाजिमों को पक्का नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि एक लाख सरकारी नौकरियां देने की बात करने वाली कैप्टन सरकार ने समूह विभागों के पुनर्गठन के नाम पर एक लाख के करीब असामियां खत्म कर दी हैं औरर ठेका मुलाजिमों को पक्का करने के मसले पर तरह- तरह के बहाने बनाकर अपने कार्यकाल का बाकी रहता समय निकलवा रही है।

ट्रांसपोर्ट विभाग के स्थायी मुलाजिमों की तरफ से आने वाले दिनों में संघर्ष तेज करने का फैसला किया गया है जिस के तहत 28 से 30 जून तक हड़ताल कर पटियाला के मोती महल घेरने की तैयारी की गई। यूनियन के कैशियर सतनाम सिंह, सीनियर प्रधान दविंदर सिंह पट्टी, हरजिंदर कुमार प्रधान फरीदकोट, सचिव कंवलजीत सिंह ने कहा कि पंजाब रोडवेज /पनबस के डिपो में कंडक्टरों के पास टिक्ट काटने के लिए टिकट मशीनें और टिकटें ही नहीं हैं जिससे महकमे को पैसे आने हैं। यह मसला यूनियन की तरफ से कई बार हेड आफिस उच्चाधिकारियों के ध्यान में लाया गया है, परन्तु टिकटों की छपाई कराने के लिए महकमा तैयार नहीं है। सरकार की तरफ से पहले तो सरकारी बसे कम की गई, फिर बजट बंद किया गया और प्राइवेट बसें (ट्रांसपोर्ट माफिया) को सरकारी टाइमों में अंधी लूट करवाई गई, अब भी सभी शहरों में कई बसें बिना परमिट के चल रही हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.