आठ दिन से नहीं हुए सूरज के दर्शन, पारा 3.0 डिग्री पहुंचा
तापमान में आई गिरावट से बढ़ रही ठंड ने जन-जीवन प्रभावित कर दिया है।
संवाद सूत्र, फिरोजपुर : तापमान में आई गिरावट से बढ़ रही ठंड ने जन-जीवन प्रभावित कर दिया है। ठंड और शीतलहर का प्रभाव लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। आठ दिन से सूर्य देवता के दर्शन भी नहीं हुए हैं। धूप न निकलने से लोगों को घरेलू कामों में भी परेशानी हो रही है।
मौसम साफ न होने से सुबह और रात को धुंध छा रही है, इससे प्रभाव यातायात में पड़ रहा है। रात के समय वाहनों की रफ्तार पहले के मुकाबले आधी से भी कम रह गई है। हादसों से बचाव के लिए ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को वाहनों पर फॉग लाइटें और रिफलेक्टर लगाने की अपील की है। जिले में रविवार सुबह न्यूनतम तापमान 3.0 डिग्री और अधिकतम नौ डिग्री दर्ज किया गया।
दफ्तरों में समय तबदील करने की मंाग
स्कूलों में छुट्टियों के कारण बच्चों के माता-पिता के अलावा अध्यापक राहत महसूस कर रहे हैं। लेकिन सरकारी दफ्तरों में तैनात कर्मचारी अभी भी सुबह नौ बजे दफ्तरों में जाते हैं। मुलाजिम यूनियनों ने मांग की है कि दफ्तरों का समय तबदील कर 10 बजे किया जाए।
यातायात पर पड़ रहा है ज्यादा प्रभाव
कोहरे के कारण सब्जियां और पशुओं के चारे सहित फूलों की खेती को नुकसान हो रहा है। सुबह धुंध पड़ने से बस सेवा, रेल सेवा और अन्य यातायात प्रभावित हो रहा है। फिरोजपुर में सतलुज के आसपास के इलाकों में धुंध का प्रभाव ज्यादा है। डीसी चंद्र गेंद ने ट्रैक्टर-ट्रालियों सहित रिक्शा, साइकिल, रेहड़ियों आदि पर रिफ्लेक्टर लगाने के आदेश दिए हैं। बावजूद इसके 90 प्रतिशत वाहन बिना रिफलेक्टर के ही चलते हैं।
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धुंध बच्चों और बुजुर्गो के लिए नुकसानदायक
सिविल अस्पताल फिरोजपुर के एसएमओ डॉ. अशोक कुमार थापर के अनुसार धुंध बच्चों व बुजुर्गो के लिए नुकसानदायक है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को सांस की शिकायत है वे इस मौसम में सैर न करें। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को बचाने के लिए भी जरूरत है, क्योंकि इस मौसम में बच्चों को और बुजुर्गों को सांस लेने और निमोनिया होने की संभावना हो जाती है। उन्होंने लोगों को सर्दी से बचाने के लिए जरूरत अनुसार कपड़े पहनने की अपील भी की।
दुकानदारों का कारोबार भी हो रहा प्रभावित
ठंड से दुकानदारों का कारोबार भी प्रभावित हो रहे हैं। व्यापार मंडल के प्रधान विजय तूली ने बताया कि इस ठंड में कई दुकानदार पूरा दिन आग सेककर समय बिताने को मजबूर हैं और कारोबार ठप हो गया है। खेतीबाड़ी विशेषज्ञों के अनुसार ठंड गेंहू की फसल के लिए नुकसानदायी है। खेतों में किसी खाद या दवा का प्रयोग करने के लिए साफ मौसम का होना बहुत जरूरी है।