खुशखबरी: कोहरे में नहीं थमेंगे ट्रेनों के पहिये, रेलवे अजमाएगा खास तकनीक
अब कोहरे के कारण ट्रेनों के पहिये नहीं थमेंगे और न ही लेट होंगे। ट्रेनों के परिचालन को कोहरे के असर से बचाने के लिए रेलवे ने नई तकनीक अपनाई है।
फिरोजपुर, [प्रदीप कुमार सिंह]। अब स्मॉग अौर धुंध के कारण ट्रेनों के पहिए नहीं थमेंगे। स्मॉग व धुंध के कारण हर बार सर्दियों में ट्रेनों का आवगमन बुरी तरह प्रभावित होता है, लेकिन इस बार इससे काफी राहत मिलेगी। रेलवे इस बार कोहरे के असर ट्रेनाें के आवागमन को बचाने के लिए खास तकनीक अपनाने जा रहा है। रेलगाडिय़ों को निर्धारित समय से चलाने के लिए रेलवे द्वारा मेल-एक्सप्रेस, पैसेंजर व मालगाड़ी समेत सभी श्रेणी की रेलगाडिय़ों में एफएसडी (फॉग सेफ्टी डिवाइस) लगा दी गई है।
जीपीएस आधारित डिवाइस दूर से घनी धुंध व रात्रि में भी सिग्नल का सटीक लोकेशन बताता है
जीपीएस आधारित इस डिवाइस की मदद से इंजन में बैठे लोको पायलटों को सिग्नल के हरे, लाल व पीला होने के साथ दूरी की सटीक जानकारी हासिल होगी। इससे वो निर्धारित मापदंड पर रेलगाडिय़ों का परिचालन कर सकेंगे। वीरवार को सुबह नौ बजे तक और शाम चार बजे के बाद दृश्यता 50 मीटर रही। विजिबिलिटी कम होने के बावजूद फिरोजपुर मंडल रेलवे की अधिकतर रेलगाडिय़ां अपने निर्धारित समय से चलती रहीं।
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फिरोजपुर मंडल के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी दयानंद ने बताया कि इस बार स्मॉग व धुंध के समय रेलगाडिय़ों की लेट-लतीफी से बचने के लिए रेलवे द्वारा पहले से ही तैयारी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में फिरोजपुर रेल मंडल रेलगाडिय़ों का परिचालन करता है। आज मंडल के परिचालन वाले करीब 45 फीसद हिस्से में स्मॉग का प्रकोप दिखाई दिया, परंतु एफएसडी के कारण इसका कोई खास असर रेलगाडिय़ों के परिचालन पर नहीं पड़ा।
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फिरोजपुर मंडल के डीआरएम विवेक कुमार ने बताया कि मंडल परिक्षेत्र में चलने वाली सभी श्रेणियों की रेलगाडिय़ों में एफएसडी अनिवार्य रूप से लगाई गई। इससे सिग्नल की स्थित बिल्कुल सटीक पता चलती है, जिससे हादसे की आशंका न के बराबर रहती है।
कैसे काम करता है एफएसडी
फॉग सेफ्टी डिवाइस (एफएसडी) की मदद से स्मॉग व घने कोहरे में भी ट्रेनों की हाई स्पीड को बनाए रखा जा सकेगा। डिवाइस को ट्रेन में ड्राइवर के पास लगाया जाता है। यह ऑडियो व विजुअल दोनों प्रकार से काम करता है। इससे ट्रेन ड्राइवर को रियल टाइम, लोकशन की सटीक जानकारी मिलती है।
इस डिवाइस में लगा डिस्प्ले लोकेशन और ट्रैक से संबंधित जानकारी देता है। ड्राइवर ट्रेन में चढ़ते ही फॉग सेफ्टी डिवाइस को इंजन के कमांङ्क्षडग बोर्ड से जोड़ देता है। डिवाइस सिग्नल को कनेक्ट करती है। इससे लोको पायलट को सामने आने वाले स्टेशन पर सिग्नल की दूरी के बारे में पता चल जाता है।