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ये है गरीबी जो अभिशाप बन गई, बेटे को बांध दिया जंजीर से

गरीबी कैसे अभिशाप बन जाती है यह देखने को मिला फिरोजपुर में। बेटा मानसिक रूप से बीमार हुआ तो बाप ने गरीबी के कारण उसे जंजीर से बांध लिया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 01:22 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 01:53 PM (IST)
ये है गरीबी जो अभिशाप बन गई, बेटे को बांध दिया जंजीर से
ये है गरीबी जो अभिशाप बन गई, बेटे को बांध दिया जंजीर से

फिरोजपुर [संदीप सिंह धामू]। जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स फिरोजपुर की पहली मंजिल पर वेटिंग रूम की कुर्सियों पर हथकड़ीनुमा जंजीर से बंधा एक युवक लेटा था। जंजीर में दो ताले भी लटक रहे थे। जो भी व्यक्ति वेटिंग रूम में आता यही समझता कि किसी खूंखार मुजरिम को हथकड़ी लगाई गई है। लेकिन उसके आसपास किसी पुलिस मुलाजिम को न देखकर हैरत में पड़ जाता।

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युवक के पैरों की तरफ बैठे गांव कासम सिंह मेघाराय के काला सिंह से जब युवक और पुलिस वालों के बारे में पूछा तो पता चला कि जंजीर से बांधा युवक सुनील उसका बेटा है। 18 साल के मानसिक रूप से बीमार बेटे को बांधकर रखने के लिए वह मजबूर है। उसके पास इलाज करवाने के पैसे नहीं हैं। अगर उसे बांधकर न रखे तो वह उत्पात मचाना शुरू कर देता है। बेटे को साथ लेकर वह बड़े साहब से मदद मांगने आया था।

काला सिंह बताते हैं कि बेटे सुनील को नौ साल पहले दिमागी बुखार हो गया था। उसके बाद वह कभी मानसिक रूप से ठीक नहीं हो पाया। बेटे से छोटी उसकी दो बेटियां भी हैं। वह खुद मजदूरी करता है। परिवार इतना गरीब है कि दो वक्त रोटी भी नसीब नहीं हो पाती। जो कुछ रुपये उसके पास थे वे बेटे के उपचार में पहले खर्च कर चुका है। अब आगे उपचार करवाना उसके लिए दूर की बात है। गरीबी ने उसे इतना मजबूर बना दिया है कि अपनी औलाद को जंजीरों से बांधकर रखना पड़ रहा है।

मजदूर हूं, महंगी दवाई नहीं खरीद सकता : काला सिंह

काला सिंह का कहना है कि उसने सिविल अस्पताल फिरोजपुर, अमृतसर, मेडिकल कॉलेज फरीदकोट, पीजीआइ चंडीगढ़, राजस्थान के श्रीगंगानगर के डॉक्टरों से बेटे का उपचार करवाया है। जब तक दवाई खिलाते हैं बेटा तभी तक ठीक रहता है। उसके बाद वह लोगों को पीटने के लिए दौड़ता है। इलाज महंगा होने के कारण वह लगातार दवाई नहीं खरीद सकता। अब तो डॉक्टरों के पास जाने के लिए किराये के पैसे बड़ी मुश्किल से जुटा पाता है। सुनील दो बार घर से भी भाग चुका है।

लगातार इलाज से रोगी का ठीक होना संभव : डॉ. रचना

सिविल अस्पताल की मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. रचना मित्तल का कहना है कि जंजीर से बांधने जैसी सख्ती की जगह सुनील को प्यार से शांत किया जा सकता है। लगातार इलाज करवाने से मानसिक रोगी ठीक हो जाते हैं।

प्रशासन करेगा हरसंभव मदद : डीसी

डीसी बलविंदर सिंह धालीवाल का कहना है कि काला सिंह को समझा दिया है कि वह बेटे को जंजीर से बांधकर न रखें। उसकी जंजीर खुलावा दी है। प्रशासन की ओर से उसकी हर संभव सहायता की जाएगी। युवक किसी अच्छे अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा।

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