मल्लांवाला अस्पताल खस्ताहाल, प्रशासन को नहीं ख्याल
कस्बा मल्लांवाला के सरकारी अस्पताल खस्ताहाल है जिस पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।
कृष्ण कटारिया, मल्लांवाला (फिरोजपुर) : कस्बा मल्लांवाला के सरकारी अस्पताल खस्ताहाल है, जिस पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। जीरा के विधायक कुलबीर सिंह जीरा व डीसी चंद्र गैंद ने चार माह पहले अस्पताल में एक मंच सांझा करते हुए घोषणा की थी कि 16 अगस्त को अस्पताल के निर्माण का शिलान्यास किया जाएगा। लेकिन शायद यह बताना भूल गए कि किस वर्ष में निर्माण होगा। तब लोगों को उम्मीद जगी कि अब समस्याएं सुनी जाएंगी।
मौजूदा समय में सिविल अस्पताल के निर्माण कार्य की योजना फिसड्डी साबित होती नजर आ रही है। जब प्रकाश सिंह बदल पहली बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने मल्लांवाला में 25 बिस्तर के अस्पताल का नींव पत्थर रखा था, लेकिन न तो अस्पताल बन पाया और न ही कोई चर्चा हुई। दावे हवा-हवाई होकर रह गए। कस्बे के लोगों की तब से अस्पताल की इमारत बनाने की मांग चली आ रही है। अस्पताल तो सिर्फ नाम का है। यहां ज्यादातर पशु घूमते रहते हैं, कूड़े के ढेर लगे हैं। नगर पंचायत सदस्यों का कोई ध्यान नहीं है न ही प्रशासनिक अधिकारियों का।
क्षेत्र के लोगों की पंजाब सरकार से मांग है कि मल्लांवाला में अस्पताल की इमारत का निर्माण शीघ्र कराया जाए, ताकि आम जनता को इलाज के लिए निजी अस्पतालों के मंहगें इलाज से छुटकारा मिल सके।
कांग्रेसियों की ही नहीं सुनते पार्टी विधायक
कांग्रेस नेता पलविद्र सिंह व समाजसेवी रोशन लाल मनचंदा ने बताया कि न ही सेहत सहूलियत मिली और न ही कोई डॉक्टर है। उन्होंने कहा कि विधायक जीरा द्वारा दिए आश्वासन भी झूठे साबित हो रहे है। स्थानीय कांग्रेस वर्करों का कहना है कि कांग्रेस से जुड़े होने के बावजूद विधायक उनकी एक नहीं सुनता है।