चमकी बुखार की अफवाह से प्रभावित लीची कारोबार
बिहार में फैली चमकी बुखार की अफवाह ने देश भर में लीची कारोबारियों की नींद हराम कर दी है।
अशोक शर्मा, फिरोजपुर : बिहार में फैली चमकी बुखार की अफवाह ने देश भर में लीची कारोबारियों की नींद हराम कर दी है। लीची से जुड़े छोटे-बड़े व्यापारियों का कारोबार ग्राहक न आने से प्रभावित हो गया है। व्यापारी डिब्बों में बंद लीची के लिए ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं। बाजारों में रेहड़ियों पर लीची भरी पड़ी है, लेकिन ग्राहक 40 रुपये किलो में भी उसे खरीदने करे तैयार नहीं हैं।
लीची उत्पादन व लीची व्यापारी प्रभात करवा तथा अशोक पसरीचा ने कहा कि लीची उत्पादन 200 वर्ष पहले चाइना से भारत में आया था। लेकिन आज तक कभी भी लीची से इस तरह की बीमारी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मुज्जफरपुर से आम व्यापारियों ने आम का मूल्य बढ़ाने के चलते लीची को चमकी बुखार के साथ जोड़कर अफवाह फैला दी है। इसी अफवाह से व्यापारी माल नहीं उठा रहा, जिसकी वजह से लीची का कारोबार ठप हो गया है।
क्या है चमकी बुखार
कुछ दिन पहले बिहार के मुज्जफरपुर में चमकी बुखार से 150 के अधिक बच्चों की मौत हो गई। डॉक्टरों के अनुसार चमकी बुखार एक तरह की संक्रमित बीमारी है। इसका वायरस शरीर में पहुंचते ही खून में शामिल होकर अपना असर दिखाना शुरू कर देता है। व्यक्ति के मस्तिक में पहुंचकर कोशिकाओं में सूजन पैदा कर देता है।
फिरोजपुर में चमकी बुखार से काई पीड़ित नहीं : एसएमओ
सिविल अस्पताल फिरोजपुर के एसएमओ प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि जिले में अभी तक एक भी चमकी बुखार से पीड़ित मरीज नहीं आया है। न ही उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई पत्र जारी हुआ है।