बिना जांच आनलाइन बन रहे लाइसेंस बन रहे हादसों का कारण
ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में लोगों को राहत देने के लिए बनाई गई सरकार की आनलाइन पालिसी भी सड़क हादसों का कारण बन रही है।
दर्शन सिंह, फिरोजपुर : ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में लोगों को राहत देने के लिए बनाई गई सरकार की आनलाइन पालिसी भी सड़क हादसों का कारण बन रही है। लìनग लाइसेंस जारी करवाने के लिए आनलाइन अप्लाई करने के बावजूद आसानी से ये सुविधा मिल जाती है और उसके लिए जेब ढीली करनी पड़ती है । आरटीओ कार्यालय में ऐसे लोग भी आम मिल जाते हैं जो पैसे लेकर बिना अप्लाई किए लìनग लाइसेंस बनवा देते हैं। ऐसे में बिना फिजिकल टेस्ट के बनने वाले लाइसेंस सड़कों पर लोगों के लिए खतरा बन जाते हैं।
सड़कों पर वाहन दौड़ाने वाले अधिकाश लोग आर्जी लाइसेंस के बिना होते हैं और वे हादसों का शिकार खुद तो होते हैं और दूसरों के लिए भी मौत का कारण बनते हैं ।
दूसरी ओर हेवी लाइसेंस लेने के दौरान ही कुछेक लोगों को अपनी शर्तें व ट्रैफिक नियमों को पूरा करना पड़ता और विभाग की ड्राइविंग टेस्टिंग पाìकग में अपनी ड्राइविंग को दिखाना होता है। लेकिन वे भी मात्र खानापूíत के लिए ही, क्योंकि लाइसेंस हासिल करने वाले व्यक्ति पैसा देकर काम करवा जाते हैं ।
ट्रैफिक विभाग की ओर से सख्ती न करने के कारण दो पहिया वाहन लेकर सड़कों पर चल रहे कम उम्र के वाहन चालक भी हादसों का कारण बनते हैं।
सेमिनार लगाकर विद्याíथयों व ट्रासपोटरों को बताये जाते है नियम ट्रैफिक विभाग के जिला इंचार्ज रवि कुमार ने बताया कि स्कूलों में हर माह 30 से 32 सेमिनार आयोजित कर बच्चों को ट्रैफिक नियमों के बारे जागरूक किया जाता है । इसी तरह ट्रासपोर्ट यूनियन के चालकों को भी जागरूक किया जाता है । बाक्स नियमों का उल्लंघन करने वालों के काटे जाते हैं चालान आरटीओ प्रदीप ढिल्लो ने कहा कि बड़े वाहनों की चैकिंग के दौरान उनके चालान काटे जाते हैं जबकि ट्रैफिक इंचार्ज रवि कुमार कहते है कि हर माह नियमों का पालन न करने वाले चालकों के करीब साढ़े 300 के चालान हर माह काटे जा रहे हैं।