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मौसम की मार किन्नू की होने लगी ड्रापिग, बागवान चितित

पानी की मार के साथ मौसम की मार भी बागवानों पर पड़ रही है। पिछले तीन सप्ताह में रुक-रुक हुई बारिश के कारण किन्नू के फल पकने से पहले ही गिरने शुरू हो गए हैं। बूटों से धड़ाधड़ किन्नू धरती पर गिरने से किन्नू उत्पादक चिता में हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 09:53 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 10:20 PM (IST)
मौसम की मार किन्नू की होने लगी ड्रापिग, बागवान चितित
मौसम की मार किन्नू की होने लगी ड्रापिग, बागवान चितित

राज नरुला, अबोहर : पानी की मार के साथ मौसम की मार भी बागवानों पर पड़ रही है। पिछले तीन सप्ताह में रुक-रुक हुई बारिश के कारण किन्नू के फल पकने से पहले ही गिरने शुरू हो गए हैं। बूटों से धड़ाधड़ किन्नू धरती पर गिरने से किन्नू उत्पादक चिता में हैं। फाजिल्का जिले में करीब 33 हजार हेक्टेयर रकबे में में किन्नू के बाग हैं। अगर बल्लुआना व अबोहर क्षेत्र की बात करें तो जिले में से 30 हजार हेक्टेयर रकबे में किन्नू के बाग हैं। बल्लुआना व अबोहर हल्के में राज्य में से 61 फीसद बाग यहां ही हैं।

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बागवानों के अनुसार करीब तीन सप्ताह से लगातार बारिश हो रहे हैं तो कई बार दिन में कड़कती धूप निकलती है। इस कारण ड्रापिग होनी शुरू हो गई है व बागवान आने वाले दिनों में इससे बढ़ने की आशंका भी जता रहे है । मौसम की खराबी के कारण रोजाना बागों में से कच्चा फल केर के रूप में टूट कर गिरने लगा है जोकि बागवानों के लिए नुकसानदेह है। बागवान पहले ही बारिश से बागों को नुकसान होने की बात भी कह रहे है। गांव अमरपुरा के किसान ओम प्रकाश कांटीवाल का कहना है कि अभी ड्रापिग की समस्या है तो सही लेकिन कम ही है। गांव खुइयां सरवर के बागवान राज कुमार का कहना है कि मौसम की खराबी के कारण किन्नू का फल गिरने लगा है।

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बगवानों को घबराने की जरूरत नहीं : डिप्टी डायरेक्टर

इस संबंधी बागवानी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जसपाल सिह भट्टी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एक तो मौसम की खराबी कारण किन्नू की ड्रापिग हो रही है तो दूसरा सितंबर महीने में कुछ न कुछ फल केर के रूप में ही गिरता ही है। उन्होने कहा कि जिन बागों को मई जून महीने में ज्यादा सोका लगता है उन बागों में फल ज्यादा गिरता है। उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम के लिए बागवान किन्नू के बागों पर बटीसटन रोको इत्यादि फंगीसाइड कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सितंबर महीने के दूसरे सप्ताह में ढाई ग्राम पर लीटर पानी में डालकर एलीएट नाम की फंगीसाइड भी की जा सकती है। डिप्टी डायरेक्टर भट्टी ने बागवानों से कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पर किन्नू की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है व किन्नू में विटामिन सी होने के कारण इस बार किन्नू की डिमांड भी काफी होने की उम्मीद है व इसके भाव भी अच्छे मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बागवानों को किन्नू की मार्केटिग में कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।


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