जीवन मल्ल स्कूल जहा के छात्र छूते हैं सफलता की बुलंदिया
जीवन मल्ल स्कूल यहा के विद्यार्थी सफलता की बुलंदियों को छूते हैं। इस स्कूल से पढ़े बहुत से छात्र प्रशासनिक न्यायिक राजनीतिक क्षेत्रों में बुलंदियों तक पहुंचे हैं।
अश्विनी गौड़ जीरा, (फिरोजपुर) : जीवन मल्ल स्कूल यहा के विद्यार्थी सफलता की बुलंदियों को छूते हैं। इस स्कूल से पढ़े बहुत से छात्र प्रशासनिक, न्यायिक, राजनीतिक क्षेत्रों में बुलंदियों तक पहुंचे हैं। इसमें पूर्व सेहत मंत्री इंद्रजीत सिंह जीरा, हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज मदन मोहन अग्रवाल व आइएएस अशोक गुप्ता इस स्कूल के छात्र रह चुके हैं। यहीं नहीं इस स्कूल के छात्रों ने विदेशों में जाकर भी खूब नाम कमाया है।
स्कूल के बारे में प्रिंसिपल चमकौर सिंह सरा बताते हैं कि स्कूल में शुरू से ही छात्रों को अच्छी शिक्षा देता आया है। वे बताते हैं कि जीवन मल्ल सीनियर सेकेंडरी स्कूल का निर्माण 1904 में लाला जीवन मल्ल द्वारा शुरू करवाया गया था तथा वर्ष 1907 में इमारत मुकम्मल हुई थी। इन्हीं के नाम से स्कूल का नाम जीवन मल्ल म्युनिसिपल बोर्ड एंग्लो वर्नेकुलर मिडिल स्कूल रखा गया था। वर्ष 1924 में हाई स्कूल का दर्जा मिला और 1926 में पहले बैच ने दसवीं पास की। सितंबर 1992 में इस स्कूल को जीवन मल्ल सीनियर सेकेंडरी स्कूल का दर्जा प्राप्त हो गया।
स्कूल की पुरानी इमारत में अब दो हिस्से ही बाकी बचे हैं परंतु जो हिस्सा बचा है आज भी मजबूती तथा खूबसूरती के साथ खड़ा है तथा स्कूल की पुरानी शान को संभाले बैठा है। स्कूल के पुराने रिकॉर्ड अनुसार 1937 से लेकर 1947 तक स्कूल में हॉस्टल का प्रबंध भी था, स्कूल में पंजाबी, हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी भाषाओं में पढ़ाई करवाई जाती थी।
स्कूल के पूर्व छात्र
जत्थेदार इंद्रजीत सिंह जीरा पूर्व सेहत मंत्री पंजाब, जत्थेदार हरि सिंह जीरा पूर्व खेतीबाड़ी मंत्री पंजाब, दिल्ली हाई कोर्ट रहे जज जगमिंदर जैन, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट रहे जज मदन मोहन अग्रवाल, लुधियाना में एडीशनल सेशन जज रहे स्वर्गीय बीके गौड़, आईएएस अशोक गुप्ता जो स्पेशल सेक्रेटरी शिक्षा विभाग र, रिटायर्ड जज बलवंत सिंह धंजू जज रहे, प्रदीप कुमार ज्वाइंट डायरेक्टर हेल्थ रह चुके हैं। लोक गायकी में जगजीत सिंह जीरवी खूब नाम कमाया है। हाई स्कूल के दौरान की पढ़ाई : जीरा
पूर्व सेहत मंत्री पंजाब जत्थेदार इंद्रजीत सिंह जीरा कहते हैं कि जीवन मल्ल स्कूल जीरा में हाई स्कूल के दौरान पढ़ता था। स्कूल के अध्यापक बहुत मेहनती थे। जैसे-जैसे समय बदलता रहा, वैसे वैसे स्कूल और तरक्की करता रहा। कनाडा में बना वेटनरी डॉक्टर : बराड़
स्कूल पूर्व छात्र व कनाडा में सरकारी वेटनरी डॉक्टर हरदीप सिंह बराड़ कहते हैं कि 1987 में इस स्कूल में दसवीं पास की थी, स्कूल के अध्यापकों की मेहनत के साथ में उस समय 10 वी कक्षा में से मेरिट में आया था। अब वेटनरी डाक्टर हूं।