हुसैनीवाला हेड से पाकिस्तान को छोड़ा 49500 क्यूसिक पानी, कुछ चौकियां भी आई चपेट में
हुसैनीवाला हेड से भारत द्वारा पाकिस्तान को 49500 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। हुसैनीवाला हेड के सभी गेटों को पाकिस्तान की ओर खोले जाने से लोगों ने राहत की सांस ली।
फिरोजपुर [प्रदीप कुमार सिंह]। पहाड़ों और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पिछले दिनों हुई मूसलधार बारिश से सतलुज नदी ऊफान पर है। नदी का पानी खेतों व गांवों में बाढ़ का रूप अख्तियार कर नुकसान न पहुंचाए, इसके लिए हुसैनीवाला हेड से भारत द्वारा पाकिस्तान को 49500 क्यूसिक पानी वीरवार को छोड़ा गया। हुसैनीवाला हेड के सभी गेटों को पाकिस्तान की ओर खोले जाने से किसानों, बीएसएफ व जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
सतलुज नदी के जलस्तर में इजाफा होने से नदी के किनारे स्थित गांव कालूवाला, निहाला किलचा, खुंदड गट्टी, टेंडीवाला, रूकनेवाला खुर्द, मानुमाछी, फतेहगढ़ सभरां, गट्टा बादशाह, बस्तीरामलाल, धीरा धरा में कई एकड़ फसल पानी में डूब गई है। इसके अलावा गांव के निचले हिस्सों व बस्ती रामलाल के आसपास सतलुज के जलग्रहण वाले हिस्सों में स्थित बीएसएफ चौकियों के नीचे पानी भर गया। नदी का पानी खेतों में फैलते देख कुछ किसानों ने आधी पकी धान की फसल काटनी शुरू कर दी थी।
ऐसे में वीरवार को हुसैनीवाला हेड के सभी गेटों को खोले जाने से खेतों में भरा पानी नदी की ओर लौटने लगा है। हालांकि डीसी बलजिंदर सिंह धालीवाल ने कहा है कि जिन किसानों की फसल नष्ट हुई है या मकान गिरे हैं वह अपने क्षेत्र के संबंधित पटवारी एवं तहसीलदार को आवेदन दें, उन्हें उनका बनता मुआवजा दिया जाएगा।
आज हालात सामान्य होने की संभावना : हाकम सिंह
हरिकेहेड से वीरवार सुबह तक 52000 हजार क्यूसिक पानी हुसैनीवाला हेड की ओर छोड़ा जा रहा था, जबकि हरिके हेड में पानी की आवक 72000 क्यूसिक थी। शाम पौने पांच बजे हरिके हेड में पानी की आवक ब्यास-सतलुज के रास्ते घटकर मात्र 55000 क्यूसिक रह गई। हरिके हेड नहरी विभाग के एक्सईएन हाकम ङ्क्षसह ने बताया कि शुक्रवार तक हालात सामान्य होने की आशा है, क्योंकि बारिश थमने के बाद तेजी से नदियों में जल की आवक रूकी है। हुसैनीवाला हेड के जेई सुरजीत सिंह ने बताया कि वीरवार को 49500 क्यूसिक पाकिस्तान की ओर छोड़ा गया। बुधवार को 38000 व मंगलवार को 18000 क्यूसिक पानी छोड़ा गया था।
पाक के रिवर्स पानी भेजने से ममदोट, फाजिल्का में दिखेगा बाढ़ का असर
हुसैनीवाला हेड से छोड़े गए पानी से बचने के लिए पाकिस्तान द्वारा कसूर जिले में हेड से कुछ किलोमीटर की दूरी पर बांध बनाया गया। इसी बांध के माध्यम से बाढ़ का पानी पाकिस्तान ममदोट के रास्ते भारतीय सीमा में भेजेगा, जिससे ममदोट के साथ फाजिल्का के हिस्सों में यह पानी बाढ़ की शक्ल में दिखाई पड़ सकता है।