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हुसैनीवाला हेड के गेट खोले, पाकिस्तान की तरफ छोड़ा पानी, 17 गांव खाली करने के आदेश

पहाड़ों पर हुई मूसलाधार बारिश व भाखड़ा डैम से छोड़ा गया पानी मैदानी हिस्सों में बाढ़ के रूप में दिखाई देने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Aug 2019 11:22 PM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 06:33 AM (IST)
हुसैनीवाला हेड के गेट खोले, पाकिस्तान की तरफ छोड़ा पानी, 17 गांव खाली करने के आदेश
हुसैनीवाला हेड के गेट खोले, पाकिस्तान की तरफ छोड़ा पानी, 17 गांव खाली करने के आदेश

प्रदीप कुमार सिंह, फिरोजपुर : पहाड़ों पर हुई मूसलाधार बारिश व भाखड़ा डैम से छोड़ा गया पानी मैदानी हिस्सों में बाढ़ के रूप में दिखाई देने लगा है। बाढ़ से बचने के लिए भारत द्वारा सतलुज दरिया पर बने हुसैनीवाला हेड के गेट खोल दिए गए है, रविवार दोपहर तक 30 हजार क्यूसिक पानी पाकिस्तान को छोड़ा गया। सतलुज दरिया के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सेना, बीएसएफ व संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा गया है। डिप्टी कमिश्नर चंद्र गैंद के अनुसार तीन से साढ़े तीन लाख क्यूसिक पानी 18 अगस्त की रात्रि तक फिरोजपुर में पहुंचने की आशा है। वहीं सतलुज दरिया में बड़े मात्रा में रात्रि तक पानी के आने को देखते हुए डिप्टी कमिश्नर चंद्र गैंद द्वारा सतलुज व सरहद के बीच स्थित गांव गट्टी राजोके, नई गट्टी, भानेवाला, चांदीवाला, रहीमेके, हाजारा सिंह वाला, चांदीवाला, टिडीवाला समेत दरिया किनारे के 17 गांवों को एहतियातन खाली करने के आदेश दिए है। दरिया किनारे बस्ती रामलाल के पास बीएसएफ की फैंसिग व वॉक पोस्ट के पानी में डूबने की सूचना है, जिसके चलते बीएसएफ पीछे आकर सरहद की चौकसी कर रहे है।

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फिरोजपुर जिला प्रशासन द्वारा सतलुज व भारत-पाकिस्तान सरहद के बीच स्थित गांवों में विशेष रूप से चौकसी बरती जा रही है, प्रशासन द्वारा गुरुद्वारों से दरिया में जलस्तर बढ़ने का अनाउंसमेंट करवा दी गई है। यहीं नहीं फिरोजपुर के कमिश्नर व डिप्टी कमिश्नर दरिया के आसपास के हिस्सों व बांधों का स्वयं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के निरीक्षण कर रहे है और जहां कहीं भी किसी प्रकार की कमी दिखाई दे रही है उसे दूर करने का आदेश दे रहे है। डीसी चंद्र गैंद ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पहले ही संबंधित विभागों की ड्यूटियां लगा दी गई थी, अब जब कि बाढ़ जैसी स्थित उत्पन्न होती दिखाई दे रही है तो वह स्वयं निगरानी रखे हुए हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए कंट्रोल रूम भी जिला प्रबंधकीय कांपलेक्स में स्थापित किया गया है। गांव कहलूवाला में बाढ़ का खतरा बढ़ा

रविवार की दोपहर तक जो पानी सतलुज दरिया में पहुंचा था, उसे मक्खू ब्लॉक के अंतर्गत सतलुज दरिया किनारे निचले हिस्सों के सैकड़ों एकड़ फसल डूब गई थी, इसके अलावा सरहदी गांव कहलूवाला जो कि तीन ओर से दरिया व दो ओर से भारत-पाक सरहद से घिरा हुआ है, वहां भी बाढ़ का असर दिखाई दिया, इसके अलावा जिले के अन्य हिस्सों में दोपहर बाद तक हालात सामान्य रहे, परंतु सरहदी बाशिदों को चिता है कि यदि दरिया में बाढ़ आती है तो उनके खेत-खलिहान से लेकर उनके घरों तक में भी बाढ़ का पानी भर सकता है। जलस्तर बढ़ते ही छोड़ा जाएगा पानी : एक्सईएन

नहरी विभाग हुसैनीवाला हेड के एक्सईएन जगतार सिंह ने बताया कि रविवार दोपहर तक फिरोजपुर जिले में बाढ़ जैसे कोई हालात नहीं है, परंतु रात्रि तक बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो सकते है, जिसे निपटने के लिए हेड से दिन में 30 हजार क्यूसिक पानी नीचे पाकिस्तान की ओर छोड़ा जा रहा है, हालांकि जिस प्रकार से जल स्तर में बढ़ोतरी होगी उसी प्रकार से नीचे पाकिस्तान को ओर पानी छोड़ा जाएगा। भारत से ज्यादा पाकिस्तान में दिखेगा बाढ़ का असर

सतलुज दरिया में पिछले तीन दिनों से बढ़े जल स्तर से उत्पन्न हुए लो फ्लड की स्थिति और आने वाले कुछ घंटों में बाढ़ जैसी स्थित उत्पन्न होने का भारत से ज्यादा असर पाकिस्तान में दिखाई देगा। तीन साल बाद यह स्थित उत्पन्न हुई है, जबकि दरिया में साढ़े तीन लाख क्यूसिक पानी आने की बात सामने आ रही है। हालांकि फिरोजपुर हुसैनीवाला हेड से छोड़ा जा रहा पानी पाकिस्तान से घुमकर फिर फिरोजपुर जिले के ममदोट कस्बे व फाजिल्का जिले में पहुंचेगा, उसके बाद यह फिर पाकिस्तान में चला जाएगा। फिरोजपुर-फाज्लिका की अपेक्षा पाकिस्तान के हिस्से नीचे होने के कारण दरिया का पानी पाकिस्तान में ज्यादा असर दिखाएगा।

50000 क्यूसिक भाखड़ा डैम से छोड़ा जा रहा है पानी

पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बारिश के परिणामस्वरूप भाखड़ा डैम का जलस्तर रविवार को 1676.93 फीट पहुंच गया है जो कि गत वर्ष से 58.19 फिट ज्यादा है, आगामी दिनों में होने वाली भारी बारिश की आशंका को देखते हुए पिछले तीन दिनों से डैम प्रशासन सतलुज दरिया में 50000 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि रविवार को रोपड़ वर्कशॉप में पानी की अधिकता होने पर 2.40 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया। नहरी विभाग के अधिकारियों द्वारा आशा व्यक्त की जा रही है कि अगले कुछ घंटों में रोपड़ वर्कशॉप से पानी छोड़ना कम हो जाएगा, जिसके बाद बाढ़ की आशंका कम हो जाएगी।


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