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चौथी पातशाही के प्रकाशोत्सव पर गुरबाणी सुन संगत हुई निहाल

फिरोजपुर आंसल रोड पर स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु रामदास पुरी अरमानपुरा में चौथी पातशाही श्री गुरु राम दास जी का प्रकाशोत्सव वीरवार को श्रद्धाभाव से मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 12:23 AM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 06:23 AM (IST)
चौथी पातशाही के प्रकाशोत्सव पर गुरबाणी सुन संगत हुई निहाल
चौथी पातशाही के प्रकाशोत्सव पर गुरबाणी सुन संगत हुई निहाल

संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : आंसल रोड पर स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु रामदास पुरी अरमानपुरा में चौथी पातशाही श्री गुरु राम दास जी का प्रकाशोत्सव वीरवार को श्रद्धाभाव से मनाया गया। इस दौरान तीन दिन पहले रखे गए श्री अखंड पाठ साहिब जी का भोग डाला गया और दीवान सजाया गया। जिसमें पंजाब से प्रसिद्ध रागी, ढाडी, काव्य पाठ व कथावाचक जत्थों ने गुरु साहिब जी के जीवन बारे विस्तार से रोशनी डाली। बड़ी संख्या में संगत ने शामिल होकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब के चरणों में हाजिरी लगवाई।

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इस दौरान भाई लखविदर सिंह जी हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर, भाई सुखदेव सिंह जी मुख्य वक्ता दमदमी टकसाल, संत बाबा अवतार सिंह, संत बाबा बोहड़ सिंह तूतां वाले, संत बाबा दर्शन सिंह ढाबसर बोरी वाले, संत बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल, भाई, ढाड़ी जत्था भाई तरसेम सिंह जी मोरांवाली वालों ने भी अपनी हाजिरी लगवा संगत को शबद गायन व कथाओं से निहाल किया।

इस अवसर पर संत बाबा अवतार सिंह व भाई लखविदर सिंह हजूरी रागी दरबार साहिब श्री अमृतसर ने कथा करते कहा कि श्री गुरु राम दास जी साधारण परिवार में से होकर गुरू घर के दास बने, हमें इनके जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए और उनके दर्शाए मार्ग पर चल कर अपना जीवन सफल बनाना चाहिए। सतसंग में भागों वाला जीव ही आता है हम आप नहीं आते। हमें वह अकाल पुरुष लाता है। हमारे गुरुओं ने अपनी कुर्बानियों देकर हमें सिक्ख होने का मान बक्शा और हमारे गुरुओं की तरफ से दी कुर्बानी को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।

गुरु पंथ के दास भगत मिलखा सिंह जी ने बताया कि कई सालों की भांति इस बार भी गुरु जी का प्रकाशोत्सव बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जा रहा है, अखंड पाठ प्रारंभ तीन दिन पहले किया गया था और रात को सात बजे से 10 बजे तक दीवान सजाया गया, वीरवार को श्री अखंड पाठ साहिब का भोग सुबह आठ बजे डाला गया है और उपरांत दीवान सजाया गया है। रागी जत्थों की तरफ से शबद गायन व ढाडी जत्थे की तरफ से वारों से संगत को निहाल किया जा रहा है, समारोह का समापन अरदास से किया गया है । भगत जी ने कहा कि मैं सबसे पहले पहुंचे संत महापुरुषों का कोटि-कोटि धन्यवाद करता हूं। इस मौके गुरु का लंगर अटूट चला ।

--आज निकाला जाएगा नगर कीर्तन-

भगत मिलखा सिंह ने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव को समर्पित 18 अक्तूबर को सुबह आठ बजे नगर कीर्तन गुरुद्वारा गुरु रामदास पुरी अरमानपुरा (आंसल) से प्रारंभ होगा और वाया जीरा व मक्खू के रास्ते से होता हुआ गुरुद्वारा बेर साहिब सुलतानपुर लोधी पहुंचेगा ।


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