ग्रामीण जल घरों के पंचायतीकरण का किया विरोध
लोगों को पीने के पानी की सुविधा का खुद प्रबंध करने की जिम्मेदारी से पंजाब सरकार भाग रही है और वर्ल्ड बैंक की पॉलिसी के अंतर्गत जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग पंजाब अधीन चल रहे ग्रामीण जल घरों का पंचायतीकरण करने के नाम पर पब्लिक विभागों का निजीकरण करने की नीतियां लागू करने के लिए चालें चल रही है।
संवाद सूत्र, फिरोजपुर : लोगों को पीने के पानी की सुविधा का खुद प्रबंध करने की जिम्मेदारी से पंजाब सरकार भाग रही है और वर्ल्ड बैंक की पॉलिसी के अंतर्गत जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग पंजाब अधीन चल रहे ग्रामीण जल घरों का पंचायतीकरण करने के नाम पर पब्लिक विभागों का निजीकरण करने की नीतियां लागू करने के लिए चालें चल रही है। इसका जल सप्लाई और सेनिटेशन कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन पंजाब विरोध करती है और चेतावनी देती है कि हजारों की संख्या में लगे कामगारों के रोजगार और पीने के पानी की बुनियादी सुविधा पर हमला नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसका इसका सिर्फ विरोध ही नहीं किया जाएगा, बल्कि इसके साथ ही पंचायतीकरण/निजीकरण की नीति को रद करवाने के लिए तीखा संघर्ष जारी रहेगा। संगठन के प्रदेश उपप्रधान भूपिंदर सिंह और जनरल सचिव हरजिंद्र सिंह मोमी ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से वर्ल्ड बैंक की नीतियां लागू कर ग्रामीण जल घरों का पंचायतीकरण /निजीकरण करने के विरोधी फैसले लिए हैं। पंचायतों के पास न तो आमदन के साधन हैं और न ही इन्हें चलाने का तकनीकी तौर पर कोई तजुर्बा है और ना ही कोई इंजीनियर स्टाफ और जल सप्लाई को पहले जो पंचायतों के हवाले किया गया है। जिला प्रधान बलकार सिंह प्यारेआना ने बताया कि जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग के पास जल सप्लाई स्कीमों को चलाने के लिए पंजाब में 12 सर्कल, 48 डिवीजनों और 200 उप मंडल पूरे पंजाब में हैं और इसके अलावा कार्यकारी इंजीनियर, उप मंडल इंजीनियर, जूनियर इंजीनियरों के अलावा/हजारों के लगभग संख्या में रेगुलार मुलाजिम और ठेका वर्कर हैं, जोकि ग्रामीण जल सप्लाई स्कीमों को चलाने के लिए विभाग में काम कर रहे हैं। इस दौरान प्रेस सचिव रणजीत सिंह खालसा, सुरजीत सिंह ब्लाक प्रधान, सुखदेव सिंह ब्लाक प्रधान, संतोख सिंह ब्लाक प्रधान, मलकीत चंद, सुच्चा सिंह, निशान सिंह, गुरपिंदर सिंह खजांची, बलजिन्द्र सिंह सोढी नगर, सलविन्द्र सिंह अच्छेवाला आदि मौजूद थे।