मुआवजे की गलत तस्दीक करने वाली पंचायत और सचिव पर होगा केस
पराली नहीं जलाने के मामले में फर्जी केस की तस्दीक करने वाली पंचायतों और को-ऑपरेटिव सोसायटी के सचिवों पर केस दर्ज किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : पराली नहीं जलाने के मामले में फर्जी केस की तस्दीक (सत्यता) करने वाली पंचायतों और को-ऑपरेटिव सोसायटी के सचिवों पर केस दर्ज करवाई जाएगी। उनका पद भी वापस लिया जाएगा। डीसी चंद्र गैंद ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी कर कहा कि मुआवजा वितरण को लेकर बिल्कुल भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। सरकार की तरफ से पराली नहीं जलाने पर छोटे व मार्जिनल किसानों के लिए मुआवजे की व्यवस्था की गई है। इनको 2500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का प्रावधान है। गैर-बासमती धान की खेती करने वाले पांच एकड़ तक की जमीन वाले किसानों को 2500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का फैसला लिया गया है। अब तक इस योजना के तहत जिले में 827 किसानों को मुआवजा वितरित किया गया है।
कई मामलों में यह सामने आया है कि कुछ किसानों को गलत रूप से यह मुआवजा दिलवाया गया है। इन सभी केसों की फील्ड वेरिफिकेशन का काम शुरू कर दिया गया है। इसमें संबंधित पटवारी से पराली को आग लगाने या नहीं लगाने के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। को-ऑपरेटिव सोसायटीज के सचिवों की तरफ से पोर्टल पर जो इंट्री डाली गई थी उनके आधार पर मुआवजा वितरित किया गया है। अब वेरिफिकेशन में जो भी गलत मामले सामने आएंगे, उनमें संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा जो नए केस पोर्टल में अपलोड किए जाएंगे, उनकी भी फील्ड वेरिफिकेशन होगी।
डीसी ने कहा कि कुछ को-ऑपरेटिव सोसायटी के सचिवों की शिकायत थी कि पोर्टल पर उनके लॉग इन आइडी और पासवर्ड का दुरुपयोग हुआ है, इसलिए सभी सचिवों को नए लॉगइन आइडी और पासवर्ड जारी कर दिए गए हैं।