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फिरोजपुर रेलवे मंडल में वाशिंग लाइन और ट्रेनों की सफाई के नाम पर घोटाला

फिरोजपुर रेल मंडल में वाशिंग लाइन और ट्रेनों की सफाई के नाम पर चूना लगाया जा रहा था। मामले में चार कर्मचारी सस्पेंड कर दिए गए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 19 May 2018 02:08 PM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 08:47 PM (IST)
फिरोजपुर रेलवे मंडल में वाशिंग लाइन और ट्रेनों की सफाई के नाम पर घोटाला
फिरोजपुर रेलवे मंडल में वाशिंग लाइन और ट्रेनों की सफाई के नाम पर घोटाला

जेएनएन, फिरोजपुर। देश के सबसे बड़े रेलवे मंडल में शुमार फिरोजपुर मंडल में ढाई करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। यह घोटाला वाशिंग लाइन और यार्ड में खड़ी रेलगाड़ियों की सफाई के नाम पर किया जा रहा था। प्रारंभिक जांच में दो विभागों के चार कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। अब मामले की जांच विजिलेंस द्वारा की जा रही है। इसकी पुष्टि एडीआरएम ने की है।

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रेलवे की सभी गतिविधियां ऑनलाइन होने के बाद रेलवे हुए घोटालों का नियमित अंतराल पर खुलासा हो रहा है। इससे रेलवे अधिकारी चिंतित हैं। हाल ही में फिरोजपुर मंडल में मैकेनिकल विभाग के कैरेज एंड बैगेन का नया घोटाला सामने आया है।

सूत्र बताते हैं कि यह घोटाला मैकेनिकल विभाग और एकाउंट विभाग के कुछ कर्मियों की मिलीभगत से हो रहा था। इसमें कर्मियों द्वारा सीडीएमई, डीएमई, एमई व डीएफएम के नाम की जाली मुहर लगाने के साथ ही उनके हस्ताक्षर कर फर्जी बिल पास करवाकर रेलवे को ढाई करोड़ की चपत लगाई गई है। अब इस घोटाले में एकाउंट व मैकेनिकल ब्रांच के दो क्लर्क व दो ओएस को रेलवे अधिकारियों द्वारा सस्पेंड किया जा चुका है।

फिरोजपुर में ठेका लेने वाली कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी

सूत्रों के अनुसार यह घोटाला वाशिंग लाइन व यार्ड में खड़ी रेलगाड़ी की होने वाली सफाई के नाम पर होता था, जिसमें बिना सफाई के ठेका लेने वाली फर्म की मिलीभगत से सफाई के जाली बिल पास करवाए जा रहे थे। सफाई के नाम पर जाली बिलों का खेल कब से चल रहा था और अब तक इससे रेलवे को कितनी चपत लग चुकी है, इसका खुलासा तो विजिलेंस की जांच में होगा। बताया जा रहा है कि जिस कंपनी ने फिरोजपुर मंडल में ठेका लिया था, उसके ठेके मुरादाबाद व अंबाला मंडल में है। उक्त कपंनी को ब्लैकलिस्ट में डालने की प्रक्रिया चल रही है।

चार कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध

फिरोजपुर रेल मंडल के एडीआरएम नरेश कुमार वर्मा का कहना है कि प्रारंभिक जांच में मंडल में ढाई करोड़ का घोटाला सामने आया है। फिलहाल इस घोटाले में चार कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। मामले की जांच अब विजिलेंस की ओर से की जा रही है।

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