हुसैनीवाला बॉर्डर पर मनाया सुख-समृद्धि का पर्व बैसाखी
फिरोजपुर सुख-समृद्धि का पर्व बैसाखी रविवार को सतलुज के किनारे हुसैनीवाला बॉर्डर पर श्रद्धापूर्वक मनाया गया। श्रद्धालुओं ने जलियावाला बाग की घटना के सौ वर्ष पूरे होने पर शहीद-दे आजम भगत सिंह राजगुरु व सुखदेव की समाधि स्थल पर नमन कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : सुख-समृद्धि का पर्व बैसाखी रविवार को सतलुज के किनारे हुसैनीवाला बॉर्डर पर श्रद्धापूर्वक मनाया गया। श्रद्धालुओं ने जलियावाला बाग की घटना के सौ वर्ष पूरे होने पर शहीद-दे आजम भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव की समाधि स्थल पर नमन कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस मेले में कोई भी सियासी नेता नजर नहीं आया। शहीदी स्थल पर बने पार्क में परिवारो के साथ उमड़े लोगों की काफी भीड़। कहीं सपेरा बीन बजा मैं नाचूगीं, तो कहीं यह देश है वीर जवानों का.. गीतों की धुनों पर गन्ने का जूस बेचते स्टॉल। पार्क में बनी झील में बोटिग का मजा लेते लोग। पापड़, पकौड़े और समोसों की खुशबू से महकते माहौल में बच्चे, बूढ़े और जवान परिवार सहित इनका स्वाद लेने के बाद विभिन्न प्रकार के खेलों के स्टॉल पर उमड़ते थे। बीएसएफ व पुलिस की चौकसी में शाम छह बजे तक चले मेले में हजारों लोगों ने शहीदी स्थल पर माथा टेककर श्रद्धा के सुमन अर्पित किए। मेले में आने वाले लोग कहीं गलती से भी सीमा की फेसिग की तरफ न जाने पाएं, इसे लेकर बीएसएफ और पुलिस ने कड़ी चौकसी रखी थी। मेले के अंदर पुलिस ने और बाहर बीएसएफ के जवानों ने मोर्चा संभाला था। मेले में फिरोजपुर से हुसैनीवाला तक स्पेशल बसें व रेलगाड़ियां सुबह से शाम तक दौड़ती रहीं। रेल प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष तौर पर ट्रेनें चलाई। हर आधे-आधे घंटे पर फिरोजपुर से हुसैनीवाला व हुसैनीवाला से फिरोजपुर क बसें व ट्रेनों का परिचालन किया गया। हुसैनीवाला में रेलवे द्वारा स्टेशन का नवीनीकरण करने के साथ पक्का प्लेटफार्म बना दिया है, जो कि यात्रियों के लिए सुविधा जनक रहा।