Move to Jagran APP

121वीं बरसी पर 12 हजार लोगों ने सारागढ़ी शहीदों को किया नमन

प्रदीप कुमार ¨सह, फिरोजपुर : सारागढ़ी शहीदों की शहादत की 121वीं बरसी पर श्रद्धाजंलि अर्पित करने मुख्

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 11:51 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 11:51 PM (IST)
121वीं बरसी पर 12 हजार लोगों ने सारागढ़ी शहीदों को किया नमन
121वीं बरसी पर 12 हजार लोगों ने सारागढ़ी शहीदों को किया नमन

प्रदीप कुमार ¨सह, फिरोजपुर : सारागढ़ी शहीदों की शहादत की 121वीं बरसी पर श्रद्धाजंलि अर्पित करने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर ¨सह बुधवार को सारागढ़ी पहुंचे। इसके साथ ही 12 हजार से अधिक लोगों ने भी शहीदों को नमन किया। कैप्टन के ही प्रयासों से 2017 में प्रदेश सरकार ने सारागढ़ी दिवस को राजकीय समागम में शामिल किया। बीते वर्ष सारागढ़ी शहीदों की शौर्यगाथा पर स्वयं की लिखी पुस्तक का विमोचन करने के लिए वह खेलमंत्री राणा गुरमीत ¨सह सोढ़ी के साथ विदेश गए थे, लेकिन इस बार उन्होंने फिरोजपुर पहुंचकर सभी कार्यक्रमों में भाग लिया और सारागढ़ी शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

loksabha election banner

सुरक्षा के लिहाज से बड़ी संख्या में सेना व पुलिस के जवान तैनात रहे। लोगों के आवागमन हेतु दो गेट बनाए गए थे, ताकि भीड़ को भलीभांति नियंत्रित किया जा सके। श्री अखंड साहिब के पाठ व भोग में भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत मुख्य मेहमान मुख्यमंत्री के पहुंचने के बाद हुई। दीवान हॉल में हुए समागम में भाग लेने के उपरांत बरकी मेमोरियल पर मुख्यमंत्री पहुंचे। यहां पर 1965 के युद्ध में शहीद हुए वीर सपूतों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

भीड़ बांटने के लिए स्टॉलों को मुख्य समागम से रखा गया अलग

सारागढ़ी दिवस के उपलक्ष्य पर गत वर्षो की भांति इस वर्ष भी सेना द्वारा सीएसडी कैंटीन लगाई गई। सीएसडी कैंटीन सभी आम लोगों के लिए उपलब्ध थीं। ग्राउंड में पंजाब सरकार व सेना की ओर से डेढ़ दर्जन से अधिक स्टॉलें लगाई गई थीं, लेकिन सबसे ज्यादा भीड़ सेना की सीएसडी कैंटीन व वेरका के स्टॉलों पर ही दिखाई पड़ी। सुरक्षा कारणों से इस बार स्टॉलों को मुख्य समागम से अलग रखा गया।

सेना के जवान रहे मुस्तैद

कार्यक्रम में सेना के जवानों के साथ ही बड़ी संख्या में पूर्व जवान व अधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम में सेना के जिन जवानों की ड्यूटी लगी हुई थी, वह अपनी-अपनी डियूटी पर मुस्तैद दिखाई दिए, जबकि पुलिस के जवान अपनी ड्यूटियों पर मुस्तैद खड़े होने की जगह इधर-उधर छाया व आरामतलब जगह खोजते हुए दिखाई दिए, बहुत से पुलिस जवानों को मुख्यमंत्री की उपस्थित के बावजूद ड्यूटी छोड़कर लंगर खाते हुए देखा गया।

सारागढ़ी गुरुद्वारा हरियाली रही लोगों के आकर्षण का केंद्र

सिख रेजीमेंट द्वारा सारागढ़ी गुरुद्वारे से लेकर बरकी मेमोरियल तक की खाली जगहों को पार्क में विकसित किया है। दो साल बाद जवानों की मेहनत रंग लाई और बरकी मेमोरियल से गुरुद्वारा परिरसर पूरी तरह से रंग-बिरंगे फूल-पौधों से सजा दिया, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना।

पहले से ज्यादा अच्छा रहा समागम

2017 में राज्य सरकार द्वारा सारागढ़ी शहीदों की 120वीं बरसी को सारागढ़ी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी। पहली बार सेना के साथ राज्य सरकार भी समागम का हिस्सा रही, हालांकि गत वर्ष की अपेक्षा इस बार कहीं ज्यादा बेहतर ढंग से तैयारी के साथ राज्य सरकार के विभागों ने हिस्सा लिया, मसलन टेंट का चुनाव अच्छा हुआ था, जो कार्यक्रम की सुंदरता में चार-चांद लगा रहा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.