धनतेरस पर बाजारों में रौनक, प्रोडक्टों पर ऑफर्स की भरमार
फिरोजपुर : दीवाली से दो दिन पहले और सोमवार को धनतेरस की अपेक्षाकृत ज्यादा बिक्री होने को देखते हुए ग्राहकों के स्वागत में बाजारों में दुकानें सज गई हैं। दुकानदार व कंपनियों की ओर से ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए व्यापारिक प्रतिष्ठान को बेहतर ढंग से सजाने के साथ ही आकर्षक ऑफर दिए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : दीवाली से दो दिन पहले और सोमवार को धनतेरस की अपेक्षाकृत ज्यादा बिक्री होने को देखते हुए ग्राहकों के स्वागत में बाजारों में दुकानें सज गई हैं। दुकानदार व कंपनियों की ओर से ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए व्यापारिक प्रतिष्ठान को बेहतर ढंग से सजाने के साथ ही आकर्षक ऑफर दिए जा रहे हैं।
सबसे ज्यादा ऑफर इलेक्ट्रानिक कंपनियों की ओर से अपने प्रोडेक्ट पर दिए जा रहे हैं। दूसरे नंबर पर दोपाहिया वाहन हैं, जिसमें कंपनियों की ओर से इंश्योरेंस में छूट के साथ ही सस्ते लोन पर आसान किस्तों में भुगतान की बात की जा रही है। यही नहीं फर्नीचर उद्योग की ओर से भी अपने कई प्रोडक्टों पर छूट दी जा रही है। शहर में स्थित मल्टी नेशनल कंपनियों के स्टोर में भी खाने-पीने से लेकर रोजमर्रा प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं पर भी छूट दी जा रही है, गिफ्ट आइटमें दो खरीदने पर एक फ्री अथवा एक के साथ एक फ्री दिए जाने के अलावा पांच सौ रुपये तक की खरीदारी करने पर पांच व दस फीसद कैशबैक भी दिया जा रहा है।
गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों, बर्तनों और इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानें बाजारों में लगाई गई है। बर्तन के दुकानदार रमेश कुमार ने बताया कि धनतेरस पर शहर में 50 लाख रुपये से ज्यादा बर्तनों की बिक्री होने की संभावना है। इलेक्ट्रानिक आइटमों मिक्सी, गीजर, फ्रिज की भी बिक्री हो रही है। दुकानदार सुख¨वदर ¨सह ने बताया कि 185 और 190 लीटर के फ्रिज बिक रहे हैं, वहीं ज्वेलरी की खरीद पर भी छूट दी जा रही है। कॉस्मेटिक्स में कंपनिया एक हजार से लेकर चार हजार तक की खरीदारी पर छूट लेकर आई हैं। हैंडबैग से लेकर फेशियल और मेकअप के कूपन ग्राहकों को दिए जा रहे हैं।
धनतेरस पर सोना खरीदना होता है शुभ
कार्तिक मास की त्रयोदशी को धनतेरस होती है। इस बार 7 नवंबर की दीवाली और धनतेरस 5 नवंबर को है। धनतेरस पर बर्तन व अन्य कई तरह की चीजें खरीदने की परंपरा है। इस दिन सोने की खरीदारी करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। धनतेरस धन और तेरस दो शब्दों के मेल से बना है। घर में धन और समृद्धि के लिए इस दिन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। धनतेरस पर वैसे तो हम कई तरह की चीजें खरीदते हैं, लेकिन बाजार में स्वर्णकारों के यहां लोगों की भीड़ लगी रहती है। पौराणिक कथा के अनुसार धनतेरस हिम नामक एक राजा के बेटे के श्राप से संबंधित है। राजा के बेटे को श्राप था कि शादी के चौथे दिन ही उसकी मृत्यु हो जाएगी। मगर जब इस बात का राजकुमार की पत्नी को पता चला तो उसने एक नीति बनाई। उसने अपने पति से शादी के चौथे दिन जगे रहने के लिए कहा। पति कहीं सो न जाए इसके लिए वह लगातार गीत और कहानियां सुनाती रही। उसके बाद उसने घर के दरवाजे पर सोने-चांदी व अन्य बहुमूल्य वस्तुएं रख दीं। घर के आस-पास दीये भी जलाए। यम सांप के रूप में राजा हिम के बेटे की जान लेने आए तो आभूषणों और दीपों की चमक से अंधे हो गए। वह घर के अंदर प्रवेश ही नहीं कर सके। वह आभूषणों के ढेर पर बैठ गए और रात भर गीत सुनते रहे। सुबह होने पर यमराज राजकुमार के प्राण लिए बिना ही चले गए, क्योंकि मृत्यु की घड़ी बीत चुकी थी।