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डीआरएम दफ्तर में शुद्ध पेयजल का अभाव, गमलों पर खर्चे साढ़े पांच लाख

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : फिरोजपुर रेलवे मंडल के दफ्तर परिसर में शुद्ध पेयजल का अभाव है, जबकि गमल

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 10:30 PM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 10:30 PM (IST)
डीआरएम दफ्तर में शुद्ध पेयजल का अभाव, गमलों पर खर्चे साढ़े पांच लाख
डीआरएम दफ्तर में शुद्ध पेयजल का अभाव, गमलों पर खर्चे साढ़े पांच लाख

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : फिरोजपुर रेलवे मंडल के दफ्तर परिसर में शुद्ध पेयजल का अभाव है, जबकि गमलों पर पांच लाख रुपये खर्च किए गए हैं। दफ्तर में नियमित रूप से काम करने वाले व रोजाना कामकाज के सिलसिले में दफ्तर आने वाले कर्मियों की संख्या तीन हजार के पार है। बावजूद इसके दफ्तर में कहीं भी रेलवे की ओर से कर्मियों व लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए कोई प्वाइंट नहीं बनाया गया है।

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वर्षो से मंडल की विभिन्न ब्रांचों में काम करने वाले रेल कर्मियों की ओर से रेल अधिकारियों से दफ्तर में आरओ प्लांट लगाने की मांग की जा रही है, ताकि पीने के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध हो सके। दफ्तर परिसर में आरओ प्लांट लग जाने से कर्मियों को घर से पीने के लिए पानी ढोकर नहीं लाना पड़ेगा। रेल कर्मियों की ओर से रेल अधिकारियों पर आरोप लगाया जा रहा है कि उनकी मांगों को रेल अधिकारियों द्वारा लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। आरओ प्लांट न लगाए जाने का कारण धनाभाव होना बताया जा रहा है, ऐसे में रेल कर्मियों द्वारा सवाल उठाए जा रहे है कि जब आरओ प्लांट लगाने के लिए रेलवे के पास नहीं है तो दफ्तर सुंदरता के लिए सैकड़ों की तादात में गमलों में पौधे क्यों लगाए जा रहे हैं।

रेल कर्मचारी यूनियन के वरिष्ठ नेता प्रवीण कुमार ने कहा कि रेलवे को पहले अपने कर्मचारियों की सेहत से जुड़ी हुई समस्याओं का निस्तारण पहल के आधार पर करना चाहिए। डीआरएम दफ्तर में सैकड़ों कर्मी कार्यरत है, जिन्हें शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाना रेल अधिकारियों का दायित्व है। दफ्तर सुंदरता के लिए गमले भी लगाए जाने चाहिए परंतु पहले प्राथमिकता शुद्ध पेयजल की होनी चाहिए वह जल्द ही इस मुद्दें पर डीआरएम विवेक कुमार से मिलेंगे।

अधिकारी बोले, क्लोरिन युक्त पानी की हो रही सप्लाई, पीने योग्य है

रेल अधिकारी डीएन हेड क्वार्टर अमित कुमार ने बताया कि दफ्तर परिसर में क्लोरिन युक्त पानी की सप्लाई हो रही है। यह पानी पीने योग्य है। उन्होंने कहा कि दफ्तर परिसर साढ़े पांच लाख रुपये की लागत से 1700 गमलों में पौधे लगाए गए है। इसमें से 700 पौधे दफ्तर के अंदर दोनों मंजिलों पर, जबकि 1000 पौधों को गमलों में दफ्तर के सामने लगाया गया है। अधिकारी ने बताया कि जिस प्रतिष्ठान से यह गमले रेलवे द्वारा लिए गए हैं, उसे अगले तीन महीने तक पौधों की देखरेख करनी है और सभी गमलों में पौधों की बेहतर स्थित में सौंपना है, तब उसका भुगतान किया जाएगा।


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