जीरा ने लगाया डोप टेस्ट कैंप, काले कपड़े पहन अकेले बैठे रहे विरोध प्रदर्शन पर
मल्लावाला : शिअद प्रधान सुखबीर बादल के जीरा आगमन पर मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन का जो दावा कांग्रेस विधायक कुलबीर ¨सह जीरा ने किया था, वह खानापूर्ति तक ही सीमित रहा। सुरक्षा कारणों से एमएलए जीरा बादल के समागम स्थल से डेढ़ किलोमीटर दूर डोप टेस्ट के लिए टेंट लगाकर बैठे रहे। सुखबीर निर्धारित समय पर समागम स्थल पर पहुंचे और वर्करों से वार्ता शुरू की।
जागरण संवाददाता, मल्लावाला : शिअद प्रधान सुखबीर बादल के जीरा आगमन पर मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन का जो दावा कांग्रेस विधायक कुलबीर ¨सह जीरा ने किया था, वह खानापूर्ति तक ही सीमित रहा। सुरक्षा कारणों से एमएलए जीरा बादल के समागम स्थल से डेढ़ किलोमीटर दूर डोप टेस्ट के लिए टेंट लगाकर बैठे रहे। सुखबीर निर्धारित समय पर समागम स्थल पर पहुंचे और वर्करों से वार्ता शुरू की।
शिअद के समागम से दो दिन पहले फिरोजपुर में प्रेसवार्ता कर विधायक जीरा ने दावा किया था कि वह जीरा में सुखबीर बादल को घुसने नहीं देंगे, यदि बादल जीरा में आते हैं तो बादल को पहले उनसे मिलना होगा। यदि बादल उनसे नहीं मिलते तो वह काले झंडे दिखाएंगे। जीरा ने यह बातें सुखबीर बादल के उस बयान के बाद कहीं थी, जिसमें बादल ने जीरा को अमली और तस्कर कहा था। इसी के जबाव में जीरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह दावा किया था कि वह सेहत विभाग को पत्र लिखकर बादल का डोप टेस्ट करवाने के लिए समागम स्थल के बाहर डोप टेस्ट कैंप लगवाएंगे। जीरा की मांग पर सेहत विभाग ने डोप टेस्ट कैंप के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन कर दिया। मंगलवार को विधायक जीरा अकेले काले कपड़े पहनकर विरोध-स्वरूप डोप टेस्ट कैंप में बैठे रहे। हालांकि उनके वहां बैठने की सूचना के कुछ समय बाद समर्थक भी वहां धीरे-धीरे एकत्रित होने लगे। जीरा ने कहा कि वह यहां पर सुखबीर बादल का डोप टेस्ट के लिए आने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक वह आए नहीं हैं। बादल यदि डोप टेस्ट करवाते हैं तो साफ हो जाएगा कि अमली कौन है।
बदले-बदले दिखे विधायक जीरा
पिछले 20 दिन में जिस प्रकार से कुलबीर जीरा मीडिया की सुर्खियों में छाए रहे हैं। मंगलवार को उसके विपरीत उनका व्यवहार दिखाई दिया। अभी हाल ही में उन्हें उनकी पार्टी द्वारा बहाल किया गया है। बहाल होते ही उन्होंने शिअद के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया, जिस प्रकार से प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीरा द्वारा दावे किए गए थे, उससे लग रहा था कि वह शिअद के प्रधान का मुखर विरोध-प्रदर्शन करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी मंगलवार को जीरा द्वारा नहीं किया गया, जो कि लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।