मल्लावाला, जीरा सदर व जीरा सिटी के प्रभारी बदले
बुधवार को जीरा हलके के एमएलए कुलबीर ¨सह जीरा को पार्टी द्वारा निलंबित किए जाने की घटना के बाद, देर शाम उनकी पुलिस थानों पर पकड़ कमजोर करने के लिए जीरा विधानसभा के अंतर्गत पड़ते चार थानों में से तीन थानों के प्रभारियों को भी बदल दिया गया है। इन प्रभारियों में से एएसआई रैंक के भी थाना प्रभारी थे, जिन पर एमएलए जीरा के विरोधियों द्वारा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से कई मौकों पर आरोप भी लगाए जाते रहे है कि वह इनकी आड़ में रेत व अवैध नशे का कारोबार करते है।
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : जीरा हलके के एमएलए कुलबीर ¨सह जीरा को पार्टी द्वारा निलंबित किए जाने की घटना के बाद देर शाम हलके के चार में से तीन थानों के प्रभारियों को भी बदल दिया गया है। इन प्रभारियों में से एएसआइ रैंक के भी थाना प्रभारी थे, जिन पर एमएलए जीरा के विरोधियों द्वारा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से कई मौकों पर आरोप भी लगाए जाते रहे है कि वह इनकी आड़ में रेत व अवैध नशे का कारोबार करते है। बुधवार की देर शाम जिन तीन थाना प्रभारियों को बदला गया है, उनमें मल्लावाला, जीरा सदर व जीरा सिटी के प्रभारी है। तीनों प्रभारियों को तत्काल प्रभाव से पुलिस लाईन में ड्यूटी दे दी गई है, जबकि इनके स्थान पर नए प्रभारियों को तैनात कर दिया गया है। सूत्र बता रहे है एमएलए जीरा ने अपने पसंद के लोगों को अपनी मर्जी से थानों का प्रभारी बनाया था। ऐसे में वीरवार को प्रेसवार्ता के दौरान शिअद के जिला प्रधान अवतार ¨सह मिन्ना ने भी आरोप लगाया था कि एमएलए जीरा अपने नजदीकी लोगों को थाना प्रभारी व थाने का मुंशी लगवाया है, जो कि एमएलए के हक में ही काम करते है। थानों से लोगों को न्याय की आस होती है, ऐसे में अब जब कि थाना प्रभारियों को बदल दिया गया है तो थानों के मुंशियों को भी बदले जाने की जरूरत है। तीनों थानों में जो मुंशी लगे है वह भी एमएलए जीरा के रिश्तेदार ही है। यहीं नहीं डीएसपी का रीडर भी एमएलए जीरा का रिश्तेदार है जो कि जरूरतमंद लोगों को डीएसपी तक पहुंचने ही नहीं देता है। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले डीजीपी के साथ मुलाकात के लिए जिन तीन लोगों के साथ एमएलए जीरा गए थे, उसमें से एक व्यक्ति के ऊपर चार मुकदमें 307 के दर्ज है, जिसमे से तीन मुकदमों में अब भी वह वांक्षित है, फिर भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
तीनों थाना प्रभारियों के बदलने के सवाल पर पुलिस विभाग के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि तीनों में से दो की रैंक थाना प्रभारी के योग्य नहीं थी, ऐसे में आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए यह तब्दीली की गई है, जबकि उक्त अधिकारी के जबाव पर शिरोमणी अकाली दल का जिला प्रधान मिन्ना कहते है, ऐसा कुछ नहीं है, यह तो एमएलए जीरा की ताकत को कुछ हद तक कम किया गया है, इस अवसर पर मिन्ना एसएसपी प्रीतम ¨सह की प्रशंसा भी करते हुए दिखाई दिए।
दोपहर में एमएलए जीरा निलंबित हुए और देर शाम उनके तीन चहेते थाना प्रभारियों को बदल दिए जाने के सवाल पर एसएसपी प्रीतम ¨सह ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, यह रूटीन तबदीली है।
आइजी, एसएसपी से था छत्तीस का आंकड़ा तब भी चहेते थानों के बने प्रभारी
शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जिस प्रकार से एमएलए कुलबीर ¨सह जीरा द्वारा आईजी एमएस छीना व एसएसपी प्रीतम ¨सह को नशे के अवैध कारोबार पर घेरा गया और शपथ ग्रहण समारोह को झूठा करार देते हुए बहिष्कार किया गया, उस पर उनके राजनीतिक विरोधी कह रहे है यह सब ड्रामा था, यदि एमएलए जीरा का आईजी व एसएसपी छीना से छत्तीस का आंकड़ा था तो वह अपने चहेतों को जिनमें एएसआई रैंक के लोग भी रहे उन्हें कैसे वह थानों का प्रभारी बनवा लिए, यह सब लोगों को दिखाने के लिए था। उनके विरोधियों द्वारा पुलिस पर भी उंगली उठाई जा रही है कि अब तक पुलिस के अधिकारी क्यों आंख मूंदे बैठे रहे और ऐसे अधिकारी थाने को चलाते रहे जो कि व्यवहारिक रूप से ठीक नहीं था। ऐसे में एमएलए व आईजी छीना के मध्य छत्तीस का आंकड़ा कुछ ठीक साबित होता नहीं दिखाई दे रहा है।