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बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशन तक लावारिस पशुओं की भरमार

फिरोजपुर : लावारिस पशुओं की बढ़ती तादात पर अंकुश लगाने के दावों के उलट गांव से लेकर शहर तक सभी जगहों पर इनकी भरमार है। वीरान स्थलों के साथ ही बस स्टैंड व रेलवे स्टेशनों पर भी लावारिस पशु परेशानी का कारण बन रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Jan 2019 11:06 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 11:06 PM (IST)
बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशन तक लावारिस पशुओं की भरमार
बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशन तक लावारिस पशुओं की भरमार

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : लावारिस पशुओं की बढ़ती तादात पर अंकुश लगाने के दावों के उलट गांव से लेकर शहर तक सभी जगहों पर इनकी भरमार है। वीरान स्थलों के साथ ही बस स्टैंड व रेलवे स्टेशनों पर भी लावारिस पशु परेशानी का कारण बन रहे हैं। पिछले दिनों फिरोजपुर कैंट रेलवे स्टेशन पर खड़ी डीएमयू रेलगाड़ी में ही एक साड़ चढ़ गया था, जिसे बड़ी मुश्किल से यात्रियों की मदद से उतारा गया था। सार्वजनिक स्थलों पर लावारिस पशुओं व कुत्तों की भरमार सरकारी दावों की पोल खोल रही है।

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समाजसेवी राजेश खुराना ने कहा कि सरकार की ओर से लावारिस पशुओं से राहत दिलाने के लिए भले ही गो सेस वसूल किया जा रहा है, लेकिन इन मवेशियों पर अंकुश लगाने का मामला हकीकत में फाइलों से बाहर नहीं निकल पा रहा है। ये लावारिस पशु ही हादसे का सबसे ज्यादा कारण बन रहे है। उन्होंने बताया कि एक ओर लोगों को धुंध में दूर तक दिखाई नहीं देता, दूसरी ओर सड़कों व गलियों में लावारिस पशुओं के होने से हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। कैंट निवासी समाजसेवी डेविड ने कहा कि कैंट में तीन साल पहले लावारिस कुत्तों पर अंकुश लगाने के लिए बड़े पैमाने मेल कुत्तों की नलबंदी की गई थी, लेकिन इन दिनों बड़ी संख्या में एक बार फिर से लावारिस पशुओं का उत्पाद देखा जा रहा है, ऐसे में स्थानीय प्रशासन से मांग करते है कि वह इस दिशा में उचित कदम उठाए। किसानों ने लावारिस पशुओं की समस्या हल करने की मांग की है, क्योंकि ये लावारिस पशु उनकी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं।


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