ट्रेनों में लगने शुरू हुए अग्निशमन यंत्र
यात्रा के दौरान रेलगाड़ियों में होने वाली आगजनी जैसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए रेलवे स्लीपर व जनरल के नए बन रहे कोचों के साथ ही पुराने कोचों में भी अग्निशमन यंत्र लगाने शुरु कर दिए है। 2015 में कैग ने रेलवे के सभी जनरल व स्लीपर कोचों में दो-दो फायर एक्स¨टग्विशर लगाने को कहा था।
प्रदीप कुमार ¨सह, फिरोजपुर
यात्रा के दौरान रेलगाड़ियों में होने वाली आगजनी जैसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए रेलवे स्लीपर व जनरल के नए बन रहे कोचों के साथ ही पुराने कोचों में भी अग्निशमन यंत्र लगाने शुरु कर दिए है। 2015 में कैग ने रेलवे के सभी जनरल व स्लीपर कोचों में दो-दो फायर एक्स¨टग्विशर लगाने को कहा था।
रेल कोच फैक्ट्रियों में बन रहे नए एलएचएस कोचों में तो अग्निशमन यंत्रों को लगाया जाना अनिवार्य कर दिया गया है, जबकि पुराने कोचों में अग्निशमन यंत्र लगाने का काम शुरु हो गया, पुराने कोचों वाली अमृतसर-अजमेर एक्सप्रेस फिरोजपुर मंडल की पहली रेलगाड़ी बन गई है, जिसके सभी श्रेणियों के कोचों में अग्निशमन यंत्र लगा दिए गए है। यह टॉयलेट के साथ लगती दीवारों पर यह अग्निशमन यंत्र लगाए गए है ताकि जरूरत पड़ने पर वह आसानी से सभी को दिखाई दे।
फिरोजपुर मंडल रेलवे के एडीआरएम नरेश कुमार वर्मा ने बताया कि ट्रेनों में होने वाली आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए नए बन रहे सभी श्रेणी के कोचों में तो फायर एक्स¨टग्विशर लगाने अनिवार्य कर दिए गए है जबकि पुराने कोचों में भी इसे लगाया जाना शुरु कर दिया गया है, फिलहाल अभी लंबी दूरी की रेलगाड़ियों में ही इसे लगाया जा रहा है आने वाले समय में सभी रेलगाड़ियों में इसे लगा दिया जाएगा। अलार्म से जोड़कर रखा गया है अग्निशमन यंत्र-
टॉयलेट के साथ लगती दीवारों में ऊपर के हिस्से में अग्निशमन यंत्र को अलार्म से जोड़कर रखा गया है, जैसे ही किसी के द्वारा यंत्र को हटाया जाएगा तो तार में ¨खचाव पड़ने से अलार्म बज उठेगा, जिससे लोगों को पता चल जाएगा, ऐसे में इसके चोरी होने की आशंका भी कम होगी। यहीं नहीं जरूरत पड़ने पर यात्रियों द्वारा कैसे इसका प्रयोग करना है, यह भी वहां पर लिखा गया है। 2015 में कैग ने कहा था कि स्लीपर, जनरल कोच में भी हो आग बुझाने वाले यंत्र
नियंत्रक एंव महालेखा परीक्षक (कैग) ने 2015 में रेलवे की, ट्रेनों के स्लीपीर व जनरल कोचों में अग्निशमन यंत्र न होने पर ¨खचाई की थी, कैग ने 2011 से 2014 के मध्य 20 रेल दुर्घटनाओं को आग लगने की दुर्घटनाओं के रूप में चिन्हृति किया था, जिसमें से आठ आग लगने का कारण ध्रूमपान व ज्वलनशील पदार्थो का ट्रेनों ले जाना पाया गया था। बढ़ती आगजनी की घटनाओं पर कैग ने ¨चता प्रकट करते हुए रेलवे से स्लीपर व जनरल कोचों में दो-दो फायर एक्स¨टग्विशर लगाए जाने को कहा था। इसके अलावा कैग ने रेलवे से आग रोकने के उपायों को सख्ती से लागू किए जाने के साथ ही उल्लघंन पर कड़े दंड का प्रावधान करने को कहा था। मंडल रेलवे के पास नहीं है फायरबिग्रेड की व्यवस्था-
फिरोजपुर मंडल रेलवे के विभिन्न हिस्सों से रोजाना सैकड़ों की संख्या में रेलगाड़ियों का आवागमन होता है, तीन राज्यों में फैले मंडल के किसी भी रेलवे स्टेशन पर रेलवे का अपना फायरबिग्रेड नहीं है, आगजनी की स्थित में रेलवे दूसरों पर ही निर्भर है। आधुनिक होने का दंभ भरने वाले रेल अधिकारी अब भी बल्टियों में रखी रेत से आग बुझाने को कारगर मानते है, जबकि बल्टियों में रखी यह रेत जम गई है।