केंद्र सरकार से अंतरिम बजट में जनता को राहत की आस
फिरोजपुर : लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेगी। इसके चलते विभिन्न वर्गो को इस बजट से क्या उम्मीदें हैं व इस बजट में किसके लिए क्या दिया जाता है, इसी पर सबकी नजरें हैं। हर वर्ग चाहता है कि उनके लिए बजट में कोई ऐसी घोषणा भी की जाए, जो उनके लिए फायदेमंद हो। जबकि देखा गया है कि अधिकतर बार सरकारें कोई बड़ी घोषणाएं नहीं कर पाती हैं।
जतिंद्र पिंकल, फिरोजपुर : लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेगी। इसके चलते विभिन्न वर्गो को इस बजट से क्या उम्मीदें हैं व इस बजट में किसके लिए क्या दिया जाता है, इसी पर सबकी नजरें हैं। हर वर्ग चाहता है कि उनके लिए बजट में कोई ऐसी घोषणा भी की जाए, जो उनके लिए फायदेमंद हो। जबकि देखा गया है कि अधिकतर बार सरकारें कोई बड़ी घोषणाएं नहीं कर पाती हैं। दैनिक जागरण टीम की तरफ से बजट के बारे में समाज के विभिन्न वर्गो से बात करके उन्हें जनता के सामने रखने का प्रयास किया है।
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शिक्षक डॉ. सतिंद्र ¨सह का कहना है कि बजट में सबसे पहले टैक्स स्लैब बढ़ाई जाए, क्योंकि अभी तक इसे 2.50 लाख रुपये तक सीमित रखा गया है, जबकि सीनियर सिटीजन के लिए आम से अधिक करीब 50 हजार रुपये की अधिक सीमित रेखा रखी गई है और कम से कम इसमें एक से दो लाख की बढ़ोतरी होनी चाहिए। उनके मुताबिक यदि बजट में इस प्रकार की कोई घोषणा नहीं होती तो इससे और बेहतर उम्मीद की भी नहीं जा सकती।
प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत नीतिन खुराना का मानना है कि बजट से हर किसी को बहुत उम्मीदें होती हैं। इनमें विशेष तौर पर युवा वर्ग की निगाहें अधिक होती है कि उनके लिए बजट में क्या खास आता है। जो युवा व अन्य लोग नौकरियों पर वर्षों से मेहनत करते आ रहे हैं, उनके लिए बजट में किसी भी प्रकार की कोई ऐसी घोषणा होनी चाहिए, जिससे उनका भविष्य संवर सके। उनके मुताबिक 2019 व 2020 में काफी कर्मचारियों की रिटायरमेंट होने वाली है, इसलिए बजट में कुछ ऐसा होना चाहिए कि उनकी जगह नई भर्ती की जा सके।
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युवा कृष्णा का कहना है कि बजट में कुछ ऐसी घोषणा होनी चाहिए, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के नए दरवाजे खुले। पढ़े-लिखे युवा जो बिना नौकरी के या फिर न्यूनतम वेतन पर भी नौकरी करने को मजबूर होते है। उनके लिए कोई ऐसी घोषणा हो, जिससे उन्हें अपने पढ़ने-लिखने पर शर्मिदा न होना पड़े व अन्य भी इससे प्रेरणा लेकर अधिक पढ़े, ताकि वह समाज व अपने परिवार के लिए कुछ करने का जज्बा रख सके।
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रणजोधवीर ¨सह धालीवाल के मुताबिक बजट में युवाओं के लिए ऐसा पैकेज होना चाहिए, जिससे उन्हें अपना भविष्य अंधकारमय लगने की जगह उज्जवल दिखे। उनके लिए उनकी पढ़ाई के मुताबिक उन्हें नौकरियां मिले या फिर उनके लिए रोजगार के ऐसे अवसर प्रदान कपने की घोषणा हो, कि वह अपना किसी भी तरह का ऐसा व्यापार शुरू कर सके, जिससे उन्हें अपने परिवार को पालने व अपने भविष्य को लेकर किसी प्रकार की कोई ¨चता न हो। नहीं तो यह बजट महज एक कागजी बजट ही साबित हो सकता है।