सिविल अस्पताल में उपचार के अभाव से महिला की गई जान
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : सिविल अस्पताल में शनिवार को उपचार के अभाव में सरहदी गांव न्यू बारेके की
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : सिविल अस्पताल में शनिवार को उपचार के अभाव में सरहदी गांव न्यू बारेके की एक महिला मरीज की मौत हो गई। मरीज के मरने की खबर लोगों को उस समय पता चली, जब साथ बैठा उसका छह साल का बेटा जोर-जोर से रोने लगा। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर आसपास मौजूद लोग महिला के पास पहुंचकर देखा तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। महिला को स्ट्रेचर पर रखकर इमरजेंसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक महिला की पहचान रानी पत्नी स्व. प्रगट ¨सह निवासी सरहदी गांव न्यू बारेके के रूप में हुई है। महिला के पति की मौत छह साल पहले हुई थी। उनका एक छह साल का बेटा भी है। मृतका के रिश्तेदार सलीम ने बताया कि रानी की तबियत खराब होने पर उसे अस्पताल में शुक्रवार को दाखिल करवाया था। शनिवार सुबह रानी को कहा गया कि वह ओपीडी में जाकर डॉक्टर को दिखाए, जिसके बाद रानी बेटे के साथ ओपीडी में चली गई। ओपीडी की लाइन में बैठकर डॉक्टर का इंतजार करती रही। ज्यादा समय तक बैठे रहने से उसकी तबियत और ज्यादा खराब हो गई और वह सीमेंट की बेंच पर दर्द से कराहते हुए लेट गई। इसी समय उसके साथ बैठा छह वर्षीय बच्चा जोर-जोर से रोने लगा। सभी लोग वहां इकट्ठे हुए। इसी दौरान डॉ. गोराया अपने चैंबर से निकलकर वहां पहुंचे और उसे चेक कर इमरजेंसी में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
छह साल पहले दामाद की हुई मौत, अब बेटी भी छोड़ गई साथ
रानी की मौत की सूचना पर गांव से पहुंची मां करमी व पिता वीरा का रो-रोकर बुरा हाल था। वे कुछ भी बोलने की स्थित में नहीं थे, बस रोते ही रहे। करमी ने बस इतना कहा कि कुछ साल पहले उनके दामाद की मौत हो गई थी, और अब उपचार के अभाव में बेटी की भी मौत हो गई।
महिला को इमरजेंसी में उपचार के लिए भेजा था : डॉ. गोराया
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. जेएस गोराया ने बताया कि उनके चैंबर के बाहर साढ़े ग्यारह बजे के करीब लोगों का शोर सुनकर वह सीट से उठकर गए तो देखा एक महिला लेटी पड़ी थी। उन्होंने महिला की पंपिंग करने के साथ उसे तुरंत इमरजेंसी में उपचार के लिए भिजवाया। बाद उन्हें पता चला की महिला की मौत हो चुकी है।
मरीज की इमरजेंसी में हुई मौत : डॉ. आशुतोष
डॉ. आशुतोष तलवार ने बताया कि वह और डॉ. अम¨रदर महिला का उपचार कर रहे थे, महिला शुक्रवार रात्रि नौ बजे उपचार के लिए आई थी, उसे इमरजेंसी में दाखिल किया गया था, उसकी आंतड़ियां फट गई थीं। परिजनों को उन्होंने रात को ही सलाह दी थी कि मरीज को मेडिकल कॉलेज ले जाएं। सुबह साढ़े दस बजे उन्होंने इमरजेंसी में महिला का चेकअप किया था, कुछ समय उपरांत महिला की इमरजेंसी में ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि परिजनों द्वारा उनके चेंबर के बाहर मरीज के जो मौत होने की बात कहीं जा रही है, वह गलत है, मरीज की मौत इमरजेंसी में हुई थी।
मरीज को चाय पिलाने से ज्यादा बिगड़ी तबियत : डॉ. गुप्ता
डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि मरीज की मौत उपचार के कारण नहीं, बल्कि डॉक्टरों के मना करने के बावजूद मरीज को उसके रिश्तेदार द्वारा चाय पिलाई गई, जिससे उसकी तबियत ज्यादा खराब हो गई, उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
एसएमओ बोले, परिजनों का आरोप बेबुनियाद
सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि डॉ. आशुतोष तलवार की ओर से मरीज का उपचार किया जा रहा था। अस्पताल में मरीज जब आया था तो उसकी हालत नाजुक थी, परिजनों का आरोप बेबुनियाद है।