घर में ही बनाएं हाउस कंपोस्टिंग, बॉक्स के साथ प्रशिक्षण भी देगी नगर कौंसिल
फिरोजपुर : अब घर में ही जैविक खाद तैयार होगी। घरों से निकलने वाले गीले कचरे से जैविक खाद तैयार करने के लिए कौंसिल डोर टू डोर लोगों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देने के साथ ही जैविक खाद तैयार करने के लिए 40 से 70 किलो भार क्षमता वाला बाक्स भी देगा, यही नहीं बाक्स में बन रही खाद का प्रत्येक 15 दिन बाद कौंसिल कर्मियों द्वारा निरीक्षण भी किया जाएगा। जिन शहरियों द्वारा घरों में जैविक खाद तैयार करने योजना को अमल में लाया जाएगा, उन्हें आगामी दो अक्टूबर को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
प्रदीप कुमार ¨सह, फिरोजपुर : अब घर में ही जैविक खाद तैयार होगी। घरों से निकलने वाले गीले कचरे से जैविक खाद तैयार करने के लिए कौंसिल डोर टू डोर लोगों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देने के साथ ही जैविक खाद तैयार करने के लिए 40 से 70 किलो भार क्षमता वाला बाक्स भी देगा, यही नहीं बाक्स में बन रही खाद का प्रत्येक 15 दिन बाद कौंसिल कर्मियों द्वारा निरीक्षण भी किया जाएगा। जिन शहरियों द्वारा घरों में जैविक खाद तैयार करने योजना को अमल में लाया जाएगा, उन्हें आगामी दो अक्टूबर को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
कौंसिल यह पहल केंद्र सरकार द्वारा 2019 के लिए मिले गारवेज फ्री सिटी (कचरा मुक्त शहर) बनाने के क्रम में कर रही है। शहर को गारवेज फ्री सिटी बनाने के लिए हाल ही प्रदेश सरकार के खर्चे पर छत्तीसगढ़ के शहर अंबिकापुर की व्यवस्था देख-सीख कर लौटे स्टेट अवार्डी सेनेटरी इंस्पेक्टर सुखपाल ¨सह ने बताया कि कचरा निस्तारण एक गंभीर समस्या है, परंतु अंबिकापुर में कचरा निस्तारण के लिए कचरा उत्पादन स्थल पर ही उसके निदान का प्रयास हो रहा है, जो सफल है, जिसके कारण अंबिकापुर शहर गारवेज फ्री है। उन्होंने बताया कि अंबिकापुर में घरों से निकलने वाले गीले कचरे से जैविक खाद तैयार होती है जबकि सूखे कचरे का प्रयोग रि-साइक¨लग के लिए होता है। यही सिस्टम फिरोजपुर में भी अपनाया जा रहा है।
जैविक खाद बनाने के लिए तैयार किए जा रहे कंपोस्ट पिट
घरों से निकलने वाले गीले कचरे से जैविक खाद तैयार करने के लिए लोगों को कौंसिल द्वारा उनके घरों पर पहुंचकर नि:शुल्क प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए कौंसिल द्वारा लोगों को बाक्स भी हाऊस कंपो¨स्टग के लिए नि:शुल्क दिया जाएगा। इसके बाद जो सूखा कचरा बचेगा, उसमें से बहुत सी वस्तुएं कबाड़ में बिकने वाली होगी, जबकि शेष को रि-साइकलिंग किया जाएगा। सेनेटरी इंस्पेक्टर सुखपाल ¨सह ने बताया कि जो लोग गीले कचरे से खाद नहीं बना पाएंगे उनके कचरे से कौंसिल जैविक खाद बनाएगी। इसके लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में बड़ी क्षमता के पिट तैयार किए जा रहे हैं।