जापान की तरह बनाए जाएंगे रेलवे स्टेशन
रेलवे ने बुलेट ट्रेन संचालन, इंफ्रास्ट्रक्चर समझने के लिए टोकियो भेजे थे 40 अधिकारी बुलेट ट्र
रेलवे ने बुलेट ट्रेन संचालन, इंफ्रास्ट्रक्चर समझने के लिए टोकियो भेजे थे 40 अधिकारी
बुलेट ट्रेन चलाने से पहले इंडियन रेलवे कर्मियों की ड्यूटी व वर्किंग स्टाइल में होगा बदलाव
जापान की तर्ज पर विकसित होगा अमृतसर रेलवे स्टेशन
फोटो-3
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर, भारतीय बुलेट ट्रेन व उसका संपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर जापानी बुलेट ट्रेन की तर्ज पर ही होगा। बुलेट ट्रेन संचालन, कार्यप्रणाली समझाने के लिए टोकियो से लौटे रेल अधिकारी इंडियन रेलवे में भी बदलाव के लिए कर्मचारियों व अधिकारियों की ड्यूटी टाइम व वर्किंग स्टाइल में बदलाव का संकेत दे रहे हैं। भारत में भी अब जो भी नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे वह सभी कॉमर्शियलाइज्ड बेस पर होंगे।
जापान के रेलवे स्टेशन व रेलगाड़ियों के अंदर साफ-सफाई को देखते हुए देश के सभी मंडलों के एक-एक स्टेशनों को जापानी तकनीक पर विकसित करने के लिए चुना गया है। इसके तहत फिरोजपुर रेलवे रेलवे का अमृतसर रेलवे स्टेशन चिह्नित किया गया। स्टेशन पर सफाई व्यवस्था जापनी पद्धति पर हो, इसके लिए कर्मचारियों को ट्रेंड किया जाएगा। साथ ही चार्ट बनाकर सफाई व्यवस्था की जाएगी। चार्ट के अनुरूप हुई सफाई को एक सुपरवाइजर चेक करेगा। 3 सितंबर को टोकियो गए देशभर से इंडियन रेलवे के 40 सदस्यीय टीम का हिस्सा फिरोजपुर मंडल रेलवे के सीनियर डीसीएम मोनू लूथरा ने बताया कि जापान में सभी कर्मी ड्रेस कोड में होते हैं। साथ में सभी के गले में आईकार्ड टंगा होता है। उन्होंने बताया कि पखवाड़े भर के टोकियो प्रवास के दौरान उन लोगों ने बुलेट ट्रेन व सामान्य ट्रेन की कार्यप्रणाली को नजदीक से देखा व अध्ययन किया।
उन्होंने बताया कि जापान के लोग टाइ¨मग के बहुत पाबंद हैं और उनके काम करने का तरीका भारतीय रेलकर्मियों से बहुत अलग है। उन्होंने कहा कि जापान के रेल कर्मचारियों की तरह ही यहां भी रेलकर्मियों के वर्क करने की नीति बदलनी होगी। तभी रेलवे में सुधार होगा। लूथरा ने कहा कि जापानी अपने रिसर्च सेंटर में सभी एक्सपेरिमेंट करने के बाद ही तैयार किए गए ट्रेनों के कोचों को पटरी पर उतारते हैं, ताकि अचानक भूकंप आने पर भी दौड़ती रेलगाड़ी पटरी से न उतरे।
लूथरा ने बताया कि जापान में क्रॉसिंग रेलवे फाटकों का बहुत ही अच्छा सिस्टम है। सभी फाटक सेंसर आधारित हैं। फाटकों के खुला रहने की स्थित पर रेलगाड़ी खुद ही पहले रुक जाती है। जापान में स्टेशन ओपन नहीं है। उनके स्टेशनों पर सिर्फ एक ही जगह से प्रवेश है। स्टेशन चारों ओर से पूरी तरह से कवर है, जबकि भारत में इसके विपरीत है। उन्होंने बताया कि भारत में भी जो अब नए रेलवे स्टेशन का निर्माण होगा वह सभी जापानी तकनीक की तरह ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बु¨कग सिस्टम को भी जापान की तकनीक के आधार पर विकसित किया जाएगा।