फाइलों में अटके पीजीआइ सेटेलाइट सेंटर पर गरमाई सियासत
कुमार ¨सह, फिरोजपुर : भारत-पाक सीमा पर स्थित सरहदी जिले के लोगों की सेहत से जुड़ा पीजीआइ सेटेलाइट से
कुमार ¨सह, फिरोजपुर : भारत-पाक सीमा पर स्थित सरहदी जिले के लोगों की सेहत से जुड़ा पीजीआइ सेटेलाइट सेंटर के मुद्दे पर एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। राजनीतिक दल के नेता लोगों की सेहत पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। सेंटर से जुड़ा कार्य अभी तक कागजी फाइलों से बाहर नहीं निकल पाया है। कांग्रेस-भाजपा के नेता एक-दूसरे पर सेंटर की राह में रोड़ा अटकाने की बात कर रहे हैं, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
रविवार को कांग्रेस यूथ जिला प्रधान सुखविंद्र ¨सह अटारी ने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कमल शर्मा पर पीजीआइ सेटेलाइट सेंटर के निर्माण में रोड़ा अटकाने की बात कही, जिस पर कांग्रेस विधायक पर¨मदर ¨सह ¨पकी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कमल शर्मा तो खुद फिरोजपुर छोड़ चंडीगढ़ में बस गए हैं। ऐसे में लोगों की सेहत को देखते हुए जरूरी है कि कमल शर्मा केंद्र सरकार से प्रयास करें, वह भी दिल्ली चलने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेसियों की ओर से सेंटर में कमल शर्मा पर रोड़ा अटकाए जाने के आरोप पर सोमवार को भाजपाई भी इस मुद्दे पर कमल शर्मा के साथ खड़े हुए और कहा कि कमल शर्मा पर सुखविंद्र ¨सह अटारी व विधायक ¨पकी ने जो आरोप लगाए हैं, वह झूठे हैं। कमल शर्मा द्वारा सेंटर खुलवाने को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए वह चंडीगढ़ में केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मिलकर यह मुद्दा उठा चुके हैं। भाजपा जिला प्रधान दे¨वदर बजाज ने कहा कि कांग्रेसियों ने अपने निजी लाभ के लिए सेंटर के लिए आंवटित की आइटीआइ जमीन की जगह मोगा रोड स्थित कृषि विभाग की जमीन पर सेंटर बनवाना चाह रहे हैं, जो कि गलत हैं। ऐसे में यह प्रोजेक्ट सेंटर का है, पूर्व अकाली-भाजपा राज्य सरकार की ओर से सेंटर के लिए आइटीआइ की जमीन हस्तांतरित कर दी गई है, सेंटर का निर्माण आइटीआइ की जगह पर ही होगा।
सेंटर के लिए बजट में धनराशि का नहीं प्रावधान
भाजपा जिला प्रधान दे¨वदर बजाज ने कहा कि प्रदेश सरकार के बजट में फिरोजपुर में सेटेलाइट सेंटर निर्माण के लिए कोई धनराशि की व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में कांग्रेसियों द्वारा ऐसा क्यों कहा जा रहा है कि कमल शर्मा की ओर से सेंटर निर्माण में रोड़ा उत्पन्न किया जा रहा है। जब तक किसी भी प्रोजेक्ट के लिए धनराशि उपलब्ध नहीं होगी तब तक प्रोजेक्ट निर्माण केवल हवाई किला बनाने वाली बात है।
दोनों सियासी दलों की क्रेडिट वार में फंसा सेंटर
2012 के अंत में विधायक परमिंदर ¨पकी के प्रयासों से कांग्रेस शासित केंद्र सरकार ने फिरोजपुर में सेंटर की घोषणा की थी। इसके लिए 250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। लेकिन प्रदेश की तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने सेंटर निर्माण के लिए जमीन देने में टाल-मटोल की नीति अपनाई। जमीन को उस वक्त अकाली-भाजपा सरकार द्वारा सेंटर के नाम पर हस्तांतरित किया गया, जबकि विधानसभा चुनाव सिर पर था। ऐसे में अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और केंद्र में भाजपा की। भाजपा व कांग्रेस के नेता सेंटर को लेकर अपना-अपना क्रेडिट हासिल करना चाहते हैं। इसी क्रेडिट वार में सेंटर फंसकर रह गया है।