टेबल टेनिस की स्टार बन रोशन कर रही देश का नाम
मेरी बचपन से ही खेलने में रुचि नहीं थी लेकिन मेरी मां तजिंद्र कौर मुझे स्पोर्ट्स पर्सन बनाना चाहती थी। वे चाहती थी कि मैं खेलो के माध्यम से प्रसिद्धि व प्रतिष्ठा हासिल करूं।
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : मेरी बचपन से ही खेलने में रुचि नहीं थी, लेकिन मेरी मां तजिंद्र कौर मुझे स्पोर्ट्स पर्सन बनाना चाहती थी। वे चाहती थी कि मैं खेलो के माध्यम से प्रसिद्धि व प्रतिष्ठा हासिल करूं। ये कहना है कि टेबल टेनिस की खिलाड़ी यशिता सिंह का। डीसीएम इंटरनेशनल स्कूल में दसवीं की परीक्षा दे रही यशिता का कहना है कि उसका भाई कीरत सिंह भी स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट है और इसलिए उसकी मां खेलो की महत्ता को समझती थी। स्कूल प्रिसिपल संगीता निस्तेंद्र ने बताया कि यशिता उनके स्कूल की छात्रा है। 15 वर्षीय यशिता ने बताया कि उसकी माता ने उसे टेबल टेनिस खेलने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि यह खेल लड़कियों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। उसने बताया कि जब वह पहली बार शहीद भगत सिंह स्टेडियम में खेलने के लिए गई तो हाथ में छोटा बल्ला व गेंद लेकर उसे अजीब लगा। लेकिन बाद में वह उसकी टेबल टेनिस के प्रति रूचि इतनी बढ़ गई कि उसे पता भी ना था कि वह इस खेल में मुहारत हासिल करके इतने पुरस्कार जीत लेगी। यशिता ने कहा कि उसके कोच तपिन्द्र शर्मा ने उसे बहुत ही बढिय़ा ढंग से कोचिग दी और वह अपनी सहेलियों यशि व धृति के साथ खेलती।
12 वर्ष की आयु में खेलना शुरू हुई यशिता अब तक 50 से ज्यादा प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर अपना लोहा मनवा चुकी है। 2019 गुजरात में आयोजित स्कूल नेशनल गेम्स में भाग लेने के अलावा 2016 व 2020 गुजरात में आयोजित स्कूली नागरिकों में हिस्सा लिया। 2019 यूपी में आयोजित सीबीएसई नागरिकों में हिस्सा लेने के अलावा 17 व 19वें इवेंट में सीबीएसई स्टेट कलस्टर 2016 में दो गोल्ड मेडल जीते। यशिता सिंह द्वारा एक गोल्ड मेडल जीतने के अलावा मोहाली में 2017 व 2019 में आयोजित जूनियर और युवा लड़कियों में चार कांस्य पदक, फिरोजपुर पंजाबी विभाग के मैच में 1 कांस्य पदक, 2018 में पहले मयंक शर्मा बैटमिटन मैमोरियल चैंपियनशिप में उसे सम्मानित किया गया।