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रमसा/एसएसए अध्यापकों ने काले बिल्ले लगाकर मनाया शिक्षक दिवस

फिरोजपुर : देश भर में शिक्षक दिवस को सम्मानीय ढंग से मनाया गया, वहीं फिरोजपुर में राष्ट्रीय माध्यमिक व सर्व शिक्षा अभियान अध्यापक इस दिवस को काले दिवस के रूप में मना रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 11:34 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 11:34 PM (IST)
रमसा/एसएसए अध्यापकों ने काले बिल्ले लगाकर मनाया शिक्षक दिवस
रमसा/एसएसए अध्यापकों ने काले बिल्ले लगाकर मनाया शिक्षक दिवस

संवाद सूत्र, फिरोजपुर : देश भर में शिक्षक दिवस को सम्मानीय ढंग से मनाया गया, वहीं फिरोजपुर में राष्ट्रीय माध्यमिक व सर्व शिक्षा अभियान अध्यापक इस दिवस को काले दिवस के रूप में मना रहे थे। वे समारोहों के भागीदार जरूर बने हुए थे, लेकिन काले बिल्ले लगाकर सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर रोष जता रहे थे। विभागीय नियमों के अंतर्गत मेरिट के आधार पर ठेके पर भर्ती हुए अध्यापक दस सालों बाद वेतन में 75 फीसदी कटौती करके शिक्षा विभाग में रेगुलर करने के लिए लिए जा रहे फैसले के विरोध में नजर आ रहे थे। प्रदेश स्तरीय लिए फैसले अनुसार एसएसए/रमसा अध्यापकों ने अपनी स्कूल ड्यूटी दौरान काले बिल्ले,काली पट्टियां और काले कपड़े डालकर अलग-अलग ढंग के साथ रोष प्रकट किया। अध्यापक यूनियन नेताओं ने बताया कि किसी देश के चपरासी से लेकर प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व को पहुंचाने में जो अहम योगदान किसी अध्यापक का होता है, वह ओर किसी का नहीं होता परंतु अध्यापक के सम्मान के लिए बनाए विशेष दिवस अध्यापक दिवस पर पंजाब सरकार की खराब नीतियों ने राष्ट्र निर्माता अध्यापक की हालत दयनीय बना दी है।

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जिला प्रधान जगसीर ¨सह गिल, जिला सचिव संदीप सहगल, राकेश माहिर और रुपिन्दर ¨सह ने कहा कि दस सालों से ठेके पर काम कर रहे एसएसए/रमसा अध्यापकों और पंजाब सरकार उनकी मौजूदा वेतन में कटौती करके रैगुलर करन के गल्त फैसले धक्के के साथ साथ शोषण की कोशिश कर रही है, जिस का विरोध वह सरकार के अध्यापक दिवस को काला दिवस करार देकर कर रहे है। नेताओं ने कहा कि जहां पिछले चार महीनों से वह अपनी वेतन को तरस रहे हैं,वहीं पंजाब सरकार एसएसए/रमसा अध्यापकों की वेतन घटा कर एक दिहाड़ीदार मजदूर जितनी कर रही है, ऐसे आर्थिक शोषण का शिकार होने जा रहे, उनके अध्यापक पहले ही पिछले पांच साल से झूठे पुलिस मामलों की मानसिक प्रताड़ना भुगत रहे है और सामाजिक तौर पर पिस रहे हैं।

नेताओं ने पंजाब सरकार से मांग की कि यदि वह समूह अध्यापकों के सम्मान को बहाल करना चाहती है तो समूह कच्चे अध्यापकों के साथ-साथ समूह एसएसए/रमसा अध्यापकों को पूरे वेतन व सुविधा के साथ रेगुलर करें और अध्यापकों पर डाले झूठे पुलिस केस रद्द किए जाएं।


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