मुलाजिमों की हड़ताल, मरीज हुए बेहाल, डॉक्टर भी नदारद
विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी जत्थेबंदियों की 8 से 9 तक चलने वाली हड़ताल का असर पहले दिन ही देखने को मिला।
दर्शन ¨सह, फिरोजपुर
विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी जत्थेबंदियों की 8 से 9 तक चलने वाली हड़ताल का असर पहले दिन ही देखने को मिला। खासकर सिविल अस्पताल के मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा। मुलाजिमों की हड़ताल के चलते मिलने वाली विभिन्न सुविधाओं को लेकर लोग खासकर मरीज दर-दर भटकते दिखे। अस्पताल की ओपीडी जहां से मरीजों को चेकअप के लिए पर्ची मिलती है वह बंद होने के कारण दूरदराज से आने वाले लोगों को वापस जाना पड़ा। क्योंकि बिना पर्ची के डॉक्टर भी कम मरीजों की जांच कर रहे थे। यही नहीं, ओपीडी के अधिकांश डॉक्टर भी नदारद दिखे, कईयों के कम रूम बंद दिखे, तो कईयों के दरवाजे तो खुले दिखे, लेकिन कुर्सियां खाली पड़ी थीं।
हड़ताल के चलते पेश आने वाली समस्याओं से ट्रॉमा वार्ड से लेकर गायनी वार्ड, सर्जिकल वार्ड, मेडिकल वार्ड तथा ब्लड बैंक के साथ-साथ ऑपरेशन थिएटर भी बंद रहा। मुलाजिमों के बिना जहां मरीजों का आपरेशन नहीं हो पाया, वहीं सफाई मुलाजिमों से लेकर वार्ड सर्वेट तक हड़ताल पर होने से अन्य स्टाफ भी मुश्किल में रहा। लोगों को डॉक्टरों को इधर-उधर ढूंढना पड़ा, लेकिन वह भी दिखाई नहीं दे रहे थे। करीब 2 से 4 डॉक्टर ही कमरों के बाहर दिखाई दिए। इसके अलावा मरीजों व लोगों को मिलने वाली सुविधा जिसमें मेडिकल सर्टिफिकेट, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट, खून लेना, बिल बनाने के अलावा कई अन्य सुविधाएं भी शामिल हैं जिनके लिए उन्हें परेशान होना पड़ा ।
बुजुर्ग हुए परेशान,मायूस लौटे
इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे गांव फत्तेवाला के मंगत ¨सह, गांव जंग से बाज ¨सह, निहाल कौर, बगीचा ¨सह आदि ने बताया कि वह ठंड में निजी बसों के अलावा अपने वाहनों से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे हैं, लेकिन न तो पर्ची वाले बाबू मिले और न ही डॉक्टर कहीं दिखाई दे रहे हैं। बुजुर्गों का कहना था कि डॉक्टर पर्ची के बगैर सेहत जांच नही कर रहे हैं। ऐसा होने से वह अब मायूस लौट रहे हैं। उन्होंने सेहत अधिकारियों के खिलाफ बोलते कहा कि मुलाजिम हड़ताल पर होने की जानकारी के बावजूद उसकी तरफ से अपने स्तर पर कोई प्रबंध नहीं किए गए। कल फिर आएंगे तो कहीं इसी स्थिति का सामना न करना पड़ जाए ।
सिविल सर्जन सुरेंद्र कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें किसी ने जानकारी नहीं दी । अगर ओपीडी के मुलाजिम हड़ताल पर थे, तो एसएमओ ने इसके लिए प्रबंध करने थे, अगर ऐसा नहीं किया गया तो इस बारे में एसएमओ से पूछा जाएगा।