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बरसाती पानी के भराव से बचाने के लिए 200 मीटर तक कवर होगा आरयूबी

संदीप ¨सह धामू, फिरोजपुर : बस्ती टैंकावाली के फाटक पर बन रहे आरयूबी को बरसात के प

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Jun 2018 05:53 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jun 2018 05:53 PM (IST)
बरसाती पानी के भराव से बचाने के लिए 200 मीटर तक कवर होगा आरयूबी
बरसाती पानी के भराव से बचाने के लिए 200 मीटर तक कवर होगा आरयूबी

संदीप ¨सह धामू, फिरोजपुर :

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बस्ती टैंकावाली के फाटक पर बन रहे आरयूबी को बरसात के पानी के भराव से बचाने के लिए दोनों साइडों में 200 मीटर तक तक कवर किया जाएगा। आरयूबी के दोनों तरफ चार-चार मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड भी बनेगी। बुधवार शाम तक आरयूबी के ब्लॉक फिट करने के बाद रेलवे ट्रैफिक सुचारु हो गया। आरयूबी के उपर से निकलने रेलवे लाइनों के दुरुस्तीकरण करने का काम वीरवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार आरयूबी अगले चार महीनों में शुरू कर दिया जाएगा। मानसून के दौरान काम थोड़ा प्रभावित हो सकता है लेकिन लगातार जारी रहेगा। आरयूबी की ढलान बनाने के लिए जमीन खुदाई का काम वीरवार को दूसरे दिन जारी रहा। 12 करोड़ रूपए की लागत से बन रहे आरयूबी का रेलवे लाइनों का 47 मीटर लंबा पोर्शन 31 ब्लॉकों से बनाया गया है। टैकांवाली बस्ती की तरफ डीआरएम कार्यालय मोड़ और दूसरी तरफ स्टेडियम रोड के मोड़ तक आरयूबी बनेगा। दोनों तरफ ढलान 100-100 मीटर तक होगी। टैंकावाली बस्ती की तरफ चार चार मीटर की सर्विस रोड्स भी बनेगी। अधिकारियों के अनुसार जुलाई व अगस्त में मानसून सक्रिय होने की वजह से बरसाती पानी बार बार आरयूबी की साइड में भरेगा। इससे काम थोड़ा धीमा हो सकता है। फिर भी अगले चार महीनों में काम पूरा होने की संभावना है।

आरयूबी से पांच रेलवे लाइनें गुजरती हैं।

आरयूबी से पांच रेलवे लाइनें गुजरती हैं। तीन र¨नग लाइनें जालंधर, ब¨ठडा और लुधियाना की तरफ जाती है। इन्हें बुधवार को ही दुरुस्त कर दिया गया था। चौथी वा¨शग लाइन को भी बुधवार देर रात तक दुरुस्त कर दिया था। पांचवीं स्टेबल लाइन को वीरवार को दुरुस्त करने का काम जारी थी। अगले कुछ दिनों तक आरयूबी से ट्रेनों को बिल्कुल धीमी रफ्तार से चलाया जाएगा।

घरेलू गैस सिलेंडर की आंच पर पुराने नट बोल्ट गलाने का काम:

लाइनों काफी समय पूर्व से कसे हुए नट बोल्ट जंग लगने की वजह से औजारों से नहीं खुले तो इन्हें ऑटो थर्मिट (गैस वे¨ल्डग) पिघला कर तोड़ा गया। ऑक्सीजन और एलजीपी के सिलेंडर जोड़ पैदा की जाने इस आंच से पुराने नट बोल्ट को गलाकर तोड़ा गया। इसमें लाल रंग का घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग किया गया। वेल्डर ने एक हाथ में ही दस्ताना पहन रखा था। दूसरे हाथ में कुछ नहीं था। न ही आंखों व चेहरे के बचाव के लिए गैस वे¨ल्डग ग्लास पहना था।

जिले के डीएफएससी बलराज सिंह के अनुसार इस घरेलू गैस सिलेंडर उपयोग घर की रसोई में ही हो सकता है। रसोई से बाहर घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग करना आवश्यक वस्तु अधिनियम का उल्लंघन है। डीएफएससी के अनुसार गैस वे¨ल्डग के लिए घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग करना नियम विरुद्ध है।

वहीं रेलवे के एडीईएन वीके धींगड़ा के अनुसार अगर काम के दौरान सेफ्टी मापदंडों का पूरा ध्यान रखा जाता है। अगर किसी तरह की थोड़ी कमी रह गई होगी तो उसे दूर कर दिया जाएगा।


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