तीसरे दिन भी सिविल अस्पताल में पेयजल किल्लत बरकरार
फिरोजपुर : तीन दिन बीत जाने के बाद भी सिविल अस्पताल में पेयजल की किल्लत बरकरार है और सेहत अधिकारी अभी भी समस्या को दूर नही करवा सके । पानी की किल्लत के कारण स्थिति इस कदर विकराल बन चुकी है कि मरीजों के साथ साथ उनके तीमारदारों तथा अस्पताल के स्टाफ के मुसीबत खड़ी हो चुकी है। खासकर अस्पताल की दूसरी मंजिलों तक पानी की पहुंच न होने के कारण जो स्थिति वहां उत्पन्न हो चुकी है उसका अंदाजा नही लगाया जा सकता।
दर्शन ¨सह, फिरोजपुर : तीन दिन बीत जाने के बाद भी सिविल अस्पताल में पेयजल की किल्लत बरकरार है और सेहत अधिकारी अभी भी समस्या को दूर नही करवा सके । पानी की किल्लत के कारण स्थिति इस कदर विकराल बन चुकी है कि मरीजों के साथ साथ उनके तीमारदारों तथा अस्पताल के स्टाफ के मुसीबत खड़ी हो चुकी है। खासकर अस्पताल की दूसरी मंजिलों तक पानी की पहुंच न होने के कारण जो स्थिति वहां उत्पन्न हो चुकी है उसका अंदाजा नही लगाया जा सकता।
सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को हो रही जो बीमारी के बीच शौच जाने के लिए निचले हिस्से से पानी भी नही ला सकते। सफाई कर्मियों के लिए समस्या और भी गंभीर है क्योंकि शौचालयों की सफाई व फर्श साफ करने के लिए उन्हें पानी नही मिल रहा और हैंड पंप से पाने भरकर लाने व सीढि़यों के रास्ते ऊपरी मंजिल कर पहुंचना उनके लिए बड़ी मुसीबत से कम नही है । मरीजों के तीमारदार व स्टाफ भी इस समस्या के बचा नही है और वह सेहत अधिकारियों की इस समस्या का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । अस्पताल के सूत्र तो इस समस्या का सीधा आरोप एसएमओ पर लगा रहे है। उनका कहना है कि समस्या को शुरू होने से पहले ही रोका जा सकता था, लेकिन अधिकारी ने ऐसा करना मुनासिब ही नही समझा। अधिकारी की लापरवाही का खामियाजा पूरे अस्पताल को सहन करना पड़ रहा है।
सफाई कर्मियों का कहना है कि शौचालय साफ करने के लिए वह निचले हिस्से से कई बार बाल्टियों के पानी लाकर सफाई कर रहे है, लेकिन शौच जाने वालों को पानी न मिलने के कारण स्थिति क्या बनती है इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वह सफाई तो किसी न किसी तरह पानी नीचे से लाकर कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह पानी की जरूरत पड़ती है वह उनके लिए मुसीबत से कम नही है।
ऊपरी वार्डो, जिसमें मेडिकल वार्ड, सर्जिकल वार्ड ,महिला वार्ड, टीबी वार्ड के साथ साथ ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या सैंकड़ों में होती है और पानी की जिस तरह किल्लत बरकरार है उससे इन लोगों का क्या हाल हो रहा होगा इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल है। खासकर मौजूदा समय में मेडिकल वार्ड, सर्जिकल वार्ड, महिला वार्ड, टीबी वार्ड में दाखिल मरीजों की संख्या 30 के करीब बताई जा रही है। यहां दाखिल मरीजों व उनके तीमारदार मुसीबत के बारे में बयां नही कर पा रहे क्योंकि उनके साथ जो बीत रहा है वह ही जानते है। शौच जाने के लिए पानी नहीं है। वह प्रबंधकों को कोसते रहे है।
एसएमओ ने कहा पानी का टैंकर मंगवाया गया
समस्या के जल्द हल होने के दावे करने वाले सीनियर मेडिकल अफसर प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि पानी की किल्लत को पूरा करने के लिए नगर कौंसिल का पानी से भरा टैंकर मंगवाया गया है और पाइप को भी ठीक करवाने का प्रयास जारी है। आने वाले दिनों में समस्या हल हो जाएगी।